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तो अब लालू यादव के कोटे से राज्यसभा सदस्य बनेगी मायावती, पर क्या कयाम रख पायेगी अपनी पहचान

लखनऊ। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती को फोन कर राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर चर्चा की है. जानकारी के मुताबिक लालू प्रसाद ने दोनों नेताओं को 27 अगस्त को पटना में होने वाली रैली में शामिल होने का भी आमंत्रण दिया.

माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव के बहाने लालू की बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन की तैयारी में लगे हैं. लालू अपनी इसी कवायद में मायावती के लिए अगले साल राज्यसभा की सीट दिलाने में भी सहयोग दे सकते हैं.

वैसे लालू शुरू से ही मायावती को महागठबंधन में शामिल कराने के पक्ष में रहे हैं. बिहार चुनाव में जीत के बाद वह सपा से बसपा के साथ जुड़कर महागठबंधन बनाने की बात कह चुके हैं. लेकिन इस कोशिश को मायावती ने उस समय सिरे से नकार दिया था.

इधर यूपी चुनाव के बाद बदले माहौल में समाजवादी पार्टी का रुख भी बसपा के प्रति नरम दिखाई दे रहा है. पार्टी के विधानमंडल दल के नेता रामगोविंद चौधरी लगातार विधानसभा के अंदर बसपा के साथ मिलकर योगी सरकार के खिलाफ लड़ने की बात कह रहे हैं.

दरअसल यूपी चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बसपा सुप्रीमो के लिए राज्यसभा या विधानपरिषद की राहें बेहद मुश्किल हो गई हैं. बिना समर्थन लिए उनका इन सदनों तक पहुंचना नामुमकिन हो गया है. अगर वह समर्थन नहीं लेती हैं ​तो अप्रैल, 2018 के बाद उनके लिए राज्यसभा का रास्ता लगभग बंद होने जा रहा है.

दरअसल, अगले वर्ष उनकी राज्यसभा सदस्यता समाप्त हो रही है. ऐसे में उन्हें दोबारा निर्वाचित होने के लिए 37 विधायकों की जरूरत होगी, लेकिन यूपी चुनाव में उनकी पार्टी को सिर्फ 19 सीटें ही मिली हैं. वहीं, विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के प्रदर्शन ने उनके लिए राज्यसभा के साथ ही विधान परिषद का रास्ता भी बंद कर दिया है. विधान परिषद सदस्य चुने जाने के लिए उन्हें कम से कम 29 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा.

दो अप्रैल 2018 को मायावती सहित यूपी के 10 राज्यसभा सदस्यों की सदस्यता खत्म होगी. इनमें मायावती के साथ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, एसपी नेता जया बच्चन, किरणमय नंदा, नरेश अग्रवाल और बीजेपी नेता विनय कटियार शामिल हैं. जबकि, 18 मई 2018 को यूपी विधान परिषद की 13 सीटें खाली हो रही हैं. इनमें एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव और राजेंद्र चौधरी प्रमुख नाम हैं.