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तेजस्वी ने उड़ाया अखिलेश यादव और मुलायम का मजाक…उनके DNA में है हंगामा

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की सियासत में जारी हंगामा अब दूसरे राज्यों में भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है। अखिलेश यादव और मुलायम सिंह के बीच सपा के कब्जे की जंग जारी है। रामगोपाल यादव और शिवपाल इस जंग में अपनी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। रामगोपाल ने समाजवादी पार्टा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अखिलेश ने भी उसके बाद से ताबड़तोड़ फैसले लिए। उन्होंने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया। साथ ही अमर सिंह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है। हालांकि मुलायम सिंह की तरफ से अभी इस फैसले को मंजूरी नहीं मिली है। यूपी की सियासत में जारी घमासान की आंच बिहार तक भी पहुंच रही है। मुलायम के समधी लालू ने समाजवादी पार्टी में सुलह कराने की कोशिश की।

एक तरफ लालू यादव अखिलेश और मुलायम के बीच सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ लालू यादव के बेटे और बिहार सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समाजवादी कलह को लेकर तंज कस रहे हैं। तेजस्वी ने समाजवादी पार्टी में जारी कलह को लेकर एक ट्वीट किया है। उनका ये ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा का केंद्र बन रहा है। तेजस्वी ने अपने ट्वीट में समाजवादी पार्टी की जंग को लेकर लिखा है कि ये डीएनए इफैक्ट है। दरअसल तेजस्वी ने किसी दूसरे के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा कि ये डीएनए इफैक्ट है। वो जो भी करते हैं, चाहे झगड़ा करें, लड़ाई करें या फिर जश्न मनाए, खुलेआम करते हैं। वो कुछ छुपाते नहीं है। तेजस्वी का इशारा मुलायम परिवार की कलह की तरफ था।

तेजस्वी यादव का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया है। इसी को लेकर उन पर निशाना भी साधा जा रहा है। तेजस्वी ने जिस ट्वीट को कोट करते हुए लिखा था उस ट्वीट को एक जनवरी को किया गया था। उसमें लिखा था कि उम्मीद है कि यादव परिवार के लोग जल्दी ही इस लड़ाई को सुलझा लेंगे। तेजस्वी ने इसी पर मजाकिया लहजे में ट्वीट किया। जिसके बाद उन्हे भी निशाना बनाया जाने लगा। एक यूजर ने लिखा कि अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव भाग्यशाली हैं जो मुलायम और लालू के घर पैदा हुए. बाकी के यादव आज भी पिछड़े हुए हैं। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि तेजस्वी को राजनीति में थोड़ी परिपक्वता दिखानी चाहिए। फिलहाल तेजस्वी के इस ट्वीट से साफ है कि समाजवादी कलह को लेकर बिहार के नेता भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

गौरतलब है कि अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच अब पार्टी पर कब्जे की जंग हो रही है। मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग से साइकिल चुनाव चिन्ह को बचाने के लिए गुहार लगाई है। वहीं अखिलेश लगातार उनकी मर्जी के खिलाफ लिए गए फैसलों को रद्द कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव कौमी एकता दल के विलय को रद्द कर सकते हैं। इसके अलावा अतीक अहमद के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है। अतीक अहमद को सपा से टिकट मिला है। अखिलेश बाहुबलियों को टिकट देने के खिलाफ थे। अतीक अहमद पर इलाहाबाद में एक यूनिवर्सिटी में हंगामा औऱ मारपीट करने का भी आरोप लगा है। अब देखना होगा कि अखिलेश बनाम मुलायम की जंग में पार्टी किसके कब्जे में आती है। कौन होगा समाजवादी पार्टी सुप्रीम बॉस।