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तीन साल में ही मनमोहन के इन मंत्रियों से छिना स्टार स्टेटस

लखनऊ। तीन साल भी तो नहीं हुए, जब ये लाल बत्ती की गाड़ी से चलते थे। कोई सोनिया गांधी तो कोई राहुल गांधी का लाडला माना जाता था। अचानक सब कुछ इस तरह बदला कि मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल के इन तीन मजबूत मंत्रियो का स्टार स्टेटस ही छिन गया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के पहले चरण के लिए जारी कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची तो यही कहती है। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे उत्तर प्रदेश के तीन नेताओं श्रीप्रकाश जायसवाल, जितिन प्रसाद व प्रदीप जैन आदित्य को चालीस स्टार प्रचारकों के बीच भी जगह नहीं मिली है।

केंद्र में कोयला जैसा महत्वपूर्ण विभाग संभालने वाले श्रीप्रकाश जायसवाल न सिर्फ कानपुर से कांग्रेस के कई बार सांसद रहे, बल्कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। मनमोहन सिंह की दोनों सरकारों में मंत्री रहे श्रीप्रकाश जायसवाल कांग्रेस के भीतर सोनिया गांधी के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। प्रदेश में चली मोदी लहर में अन्य कांग्रेस नेताओं की तरह पिछला लोकसभा चुनाव हार गए थे। पिछ़ड़े वर्गों में उनकी पकड़, व्यापारियों में प्रभाव व प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सूबे भर का दौरा करने की उनकी पहचान उन्हें हर बार स्टार प्रचारक बनाती थी, किन्तु इस बार उन्हें इस सूची में शामिल नहीं किया गया है। इसी तरह कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के बेटे व धौरहरा से सांसद रहे जितिन प्रसाद ने भी इस बार स्टार प्रचारक का दर्जा गंवा दिया है। मनमोहन सरकार में मानव संसाधन व रक्षा जैसे मंत्रालयों का हिस्सा रहे जितिन को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। बीच में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने या कोई और बड़ी जिम्मेदारी देने जैसी चर्चाएं भी हुई थीं। इसके बावजूद उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखना चौंकाता है। बुंदेलखंड में कांग्रेस के चेहरे के रूप में उभरे प्रदीप जैन आदित्य के पास मनमोहन सरकार के समय ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी थी। वे भी राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस बुंदेलखंड में अपनी आवाज बचाने को लेकर संघर्ष भी कर रही है। इसके बावजूद प्रदीप जैन आदित्य को स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं किया गया।

कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में मनमोहन मंत्रिमंडल में शामिल उत्तर प्रदेश के बस दो नेताओं को मौका मिला है, उनमें भी तकनीकी दृष्टि से एक मंत्री तो महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। दरअसल मनमोहन कैबिनेट में शामिल रहे राजीव शुक्ला को स्टार प्रचारकों में शामिल तो किया गया है किन्तु वे महाराष्ट्र से सांसद थे। उत्तर प्रदेश की कुशीनगर सीट से सांसद बने आरपीएन सिंह ही मनमोहन कैबिनेट के एकमात्र मंत्री हैं, जिन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया है। एक अन्य मंत्री रहे बेनीप्रसाद वर्मा पहले ही कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं।

कांग्रेस की सूची में जिस एक नाम का बेसब्री से इंतजार था, वह नाम भी पहले चरण की सूची में नहीं दिखा है। हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिद्धू पिछले कई चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में सक्रिय रहे हैं। इस बार उनके कांग्रेस में जाने के कारण उम्मीद थी कि वे कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची का हिस्सा बनेंगे, किन्तु ऐसा न हो सका। माना जा रहा है कि अभी पंजाब चुनावों में उनकी व्यस्तता के कारण उन्हें उत्तर प्रदेश से दूर रखा गया है। आगे के चरणों में उनका उपयोग उत्तर प्रदेश में भी स्टार प्रचारक के रूप में जरूर किया जाएगा।