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जेएनयू विवाद के घेरे में बस्‍सी, नहीं मिल पाएगा सूचना आयुक्‍त का पद!

bassi19नई दिल्‍ली। दिल्‍ली पुलिस कमिश्‍नर भीम सेन बस्‍सी पर जेएनयू विवाद की गाज गिरती हुई दिख रही है। ऐसी खबरें हैं कि बस्‍सी का नाम केंद्रीय सूचना आयोग की उस लिस्‍ट से हटा दिया गया है जिसमें आयोग के अगले संभावित सूचना आयुक्‍तों का नाम था। यानी अब बस्‍सी सूचना आयुक्‍त नहीं बन पाएंगे। बस्‍सी को आयुक्‍त बनाए जाने का विरोध कई हलकों से उठ चुका है। पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्‍त शैलेश गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी बस्‍सी के विरोध में बयान दे चुके हैं।

शैलेश गांधी ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर बस्सी को सूचना आयुक्त नियुक्त किया जाता है तो यह लोकतंत्र के लिए दुखद दिन होगा। कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को लिखे पत्र में गांधी ने कहा कि बस्सी को सूचना आयुक्त चुना जाना प्रक्रिया का मजाक बनाना होगा। उन्होंने कहा, ‘सूचना के अधिकार कानून की सच्ची भावना के अनुरूप सूचना आयुक्त का चयन करने की पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए। मैं स्वीकार करता हूं कि आखिरी निर्णय राजनीतिक होता है, लेकिन चयन समिति चयन करने की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए।

अपने पत्र में गांधी ने कहा था, ‘बस्सी हमारे देश के दो प्रमुख प्रतिष्ठानों को खुले तौर पर तबाह करने के लिए सहमत दिखाई दिए हैं, ऐसे में उनका चयन दुर्भाग्यपूर्ण होगा।’

बता दें कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगने के बाद छात्रसंघ के नेता कन्‍हैया कुमार की गिरफ्तारी और फिर उनको कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान हुई हिंसा को लेकर बस्‍सी की काफी आलोचना हो रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि दिल्‍ली पुलिस इस मामले को ठीक से हैंडल नहीं कर पाई। साथ ही कन्‍हैया पर देशद्रोह का केस दर्ज करने को लेकर भी बस्‍सी की आलोचना हो रही है।

इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि बस्सी को सूचना आयुक्त बनाया जा सकता है। सरकारी सूत्रों ने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत चयन समिति की शीघ्र ही बैठक होने वाली है और इसमें केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों के तीन रिक्त पदों के लिए नामों पर फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्सी सूचना आयुक्त के पद के लिए आवेदकों में से एक हैं। पिछले साल नवंबर में कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी ने जिन अंतिम नामों का चयन किया था उनमें उनका नाम भी था।