अहमदाबाद । गुजरात विधानसभा चुनावों में अपनी धाक जमाने वाले निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी कर्नाटक का रुख कर चुके हैं. मेवाणी ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला है. शुक्रवार (7 अप्रैल) को कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में मेवाणी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पीएम मोदी पर जमकर प्रहार किया.
बीजेपी के कैंपेन में हंगामा करें युवाः मेवाणी
जिग्नेश ने कहा कि कर्नाटक के युवाओं का सबसे बड़ा रोल यह हो सकता है कि वह 15 अप्रैल को बेंगलुरू में होने वाले बीजेपी के कैंपेन में जाए और वहां पर कुर्सियां उछाले, फंक्शन में हंगामा करें और सरकार से पूछे की लोकसभा चुनाव के दौरान जो 2 करोड़ रोजगार का वादा उन्होंने किया था, उसका क्या हुआ ?मेवाणी ने कहा कि अगर बीजेपी युवाओं को सवाल ना दे पाएं तो युवा उनसे कहें वह हिमालय पर चलें जाएं.
#WATCH: Jignesh Mevani says, ‘Biggest role of Karnataka’s youth should be to enter PM’s campaign program in Bengaluru on 15th, hurl chairs in the air & disrupt it, then ask him what happened to 2 cr jobs? If he can’t answer ask him to go to Himalayas’ #Chitradurga #Karnataka pic.twitter.com/3rykIfOFsp
— ANI (@ANI) April 6, 2018
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने दर्ज कराई FIR
मेवाणी के बयान के बाद बीजेपी ने इस पर आपत्ति जताई है. बीजेपी के चित्रदुर्ग जिले के अध्यक्ष ने मेवाणी के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रावाई की मांग की है.
कर्नाटक बीजेपी ने ट्वीट कर जताई नाराजगी
कर्नाटक बीजेपी ने मेवाणी के बयान कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी ने एक ट्वीट के जरिए कहा, “कांग्रेस और पाकिस्तान में बहुत ही समानताएं हैं. दोनों देश को तोड़ना चाहते हैं. दोनों राष्ट्रवादी ताकतों के खिलाफ युद्ध का सहारा लेते हैं. दोनों का पीएम मोदी से कोई मुकाबला नहीं हैं.”
Cong & Pak have such stark similarities
Both want to break India
Both use proxy wars against Nationalist forces
Both have radical extremists on their side
And both are no match for Narendra Modi https://t.co/lJDSzJlrov
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) April 6, 2018
14 अप्रैल से 5 मई तक कर्नाटक में बीजेपी का कैंपेन
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह 14 अप्रैल यानि की भीमराव आंबेडकर की जयंती के दिन से चुनाव प्रचार की शुरुआत करें. उन्होंने कहा था कि यह अभियान 5 मई तक जारी रखें और सांसद अपने चुनाव क्षेत्र में जाकर सरकार की योजनाओं का प्रचार करें.