Breaking News

जाट आरक्षण : ‘पिछली बार जैसा कुछ भी नहीं होना चाहिए’, पीएम मोदी ने दी चेतावनी

jat-protestरोहतक/नई दिल्ली। जाटों द्वारा आरक्षण की अपनी मांग को लेकर फिर से आंदोलन पर जाने के धमकी के बीच प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पिछली बार जैसी स्थिति इस बार नहीं होनी चाहिए। उन्‍होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात कर कानून व्‍यवस्‍था को दुरुस्‍त बनाए रखने को कहा है।

आरक्षण के लिए 72 घंटे का जाट समुदाय का अल्टीमेटम आज खत्म हो रहा है। हंगामे की आशंका को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। रोहतक में आज स्कूल और कॉलेज बंद है और दूसरे जिलों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला अब डिप्टी कमीश्नर पर छोड़ दिया गया है। हालांकि राज्य सरकार ने कहा कि किसी भी हालात से निपटने को तैयार हैं। वहीं सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले को लेकर पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है।

विधेयक के आज पेश होने की उम्मीद कम
हरियाणा में जाटों को आरक्षण देने से जुड़ा विधेयक आज भी विधानसभा में पेश होने की उम्मीद नहीं दिख रही है। बताया जा रहा है कि बिल के ड्राफ्ट में कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं। जाट नेता शुक्रवार को बैठक करके आगे की रणनीति तय करने वाले हैं।

सरकार चौकन्ना
उधर, सरकार भी पिछली हिंसा को देखते हुए इस बार चौकन्ना है। रोहतक, सोनीपत, झज्जर, जींद, भिवानी और कैथल के ज़िला प्रशासन को यह अधिकार दिया गया है कि वह कानून तोड़ने वालों पर NSA- राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगा सकता है। साथ ही आईजी रैंक के अधिकारियों से इन सभी छह ज़िलों में कैंप करने को कहा है। इसके अलावा अर्द्धसैनिक बलों की 80 कंपनियां मांगी गई हैं। स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का अंतिम फ़ैसला डिप्टी कमिश्नर करेंगे।

10 फीसदी कोटे की मांग
जाट समुदाय के नेता 10 फीसदी कोटे की मांग कर रहे हैं और आंदोलन के दौरान जाट नेताओं पर दर्ज FIR वापस लेने की मांग कर रहे हैं। जाट समुदाय बीजेपी के कुरुक्षेत्र से सांसद राज कुमार सैनी को एंटी-जाट बयान देने के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।

नहीं बन पाई सहमति
जाट आरक्षण विधेयक बुधवार को विधेयक विधानसभा में पेश होना था, लेकिन नहीं हो सका। जाट आरक्षण विधेयक का ड्राफ्ट शाम को सीएम खट्टर की अगुवाई में मंत्रियों की बैठक में रखा गया जिस पर कई मंत्रियों ने आपत्ति जताई। सरकार जाट सहित 5 जातियों को 10 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी में है। ऐसी स्थिति में सरकार ने अब ऐसे प्रारूप को तैयार करने का फैसला किया है, जिससे सभी सहमत हों।