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जाट आंदोलन: रोके जवानों के ट्रक, सेना भी दिखी बेबस

jatहिसार। हरियाणा में आरक्षण को लेकर जाट आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। व्यापक स्तर पर फैल रही हिंसा को रोकने के लिए राज्य सरकार ने सेना बुला ली है। लेकिन शुक्रवार रात जाट आंदोलनकारियों ने सेना को भी विवश कर दिया। रोहतक की ओर बढ़ रहे सेना के काफिले को शुक्रवार रात उस समय मदनखेरी गांव के निकट रुक जाना पड़ा जब देखा गया कि जाट प्रदर्शनकारियों ने अपने प्रदर्शन के चलते पूरे मार्ग को खोद दिया है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सेना के 11 ट्रक शुक्रवार रात हिसार से रोहतक की ओर नहीं बढ़ पाए क्योंकि नारनौद उपमंडल के मदनखेरी गांव के निकट पूरी सड़क खुदी हुई थी। सेना ने पहले सडक की मरम्मत की और उसके बाद उसका काफिला आगे बढ़ पाया। हरियाणा सरकार ने जाट प्रदर्शनकारियों के काबू से बाहर होने के बाद आठ जिलों में सेना बुला ली थी।

आरक्षण के लिए चल रहे जाट आंदोलन की आग आसपास के प्रदेशों में भी फैल रही है। दिल्ली, यूपी और मध्य प्रदेश में भी इस आंदोलन की सुगबुगाहट साफ देखी जा सकती है। जाट आरक्षण के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में भी हाईवे जाम किया।

यूपी के शामली में भी जाट समुदाय के लोगों ने आरक्षण की मांग को लेकर सड़क जाम किया। बाद में पुलिस को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। मध्य प्रदेश की जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने भी हरियाणा के आंदोलन को अपना समर्थन दे दिया है।

हरियाणा के डीजीपी सिंघल ने बताया है कि अबतक कुल 129 केस दर्ज किए गए हैं। हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि सरकार पहले ही सारी मांग मानने की बात कह चुकी है। उन्होंने एक बार फिर लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

ज्यादा प्रभावित इलाकों जैसे करनाल आदि में सेना के जवानों ने फ्लैग मार्च किया है। डीजीपी वाईपी सिंघल ने बताया कि पैरामिलिटरी फोर्स की 10 कंपनियां पहुंच गई हैं। पैरामिलिटरी की 23 और कंपनियां भी हरियाणा में आ रही हैं।