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जमीनी हालात: जाट आरक्षण की ‘आंधी’ में कितनी बर्बादी

violenceनई दिल्ली। हरियाणा के जाटों को आरक्षण मिलना अब लगभग तय है। बीजेपी सरकार झुक चुकी है। केंद्र में कमिटी बना दी गई है और हरियाणा विधानसभा में भी जाटों को ओबीसी का दर्जा देने के लिए विधेयक पेश किया जाएगा। आठ दिन चले इस आंदोलन से कितना नुकसान हुआ, इसका अंदाजा शायद प्रदर्शनकारियों को नहीं होगा।
भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचैम) की मानें तो हरियाणा को 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा, अब तक आईं मीडिया रिपोर्ट्स का विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि जाट समुदाय के लोगों के आरक्षण के लिए कितना कुछ बर्बाद हो गया। एक नजर डालते हैं-

1- आरक्षण के नाम पर हुई हिंसा और सैन्य बलों की जवाबी कार्रवाई में 12 लोगों को जान गंवानी पड़ी। सैकड़ों लोग घायल भी हुए।

2- हजारों छोटी-बड़ी दुकानें फूंक दी गईं, कई जगहों पर लूटपाट की गई। कुछ गांवों में भी आग लगा दी गई।

3- सोनीपत के आठ कस्बों में हालात इस कदर बेकाबू हो गए कि वहां कर्फ्यू लगाना पड़ा। गुड़गांव और मानेसर प्लांट में मारुति सुजुकी को प्रॉडक्शन रोकना पड़ा।

4- करीब 1,000 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं और इससे रेलवे को 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ। यात्रियों का जो नुकसान हुआ, उसके तो आंकड़े भी नहीं जुटाए जा सकते।

5- रोहतक, जींद, गन्नोर, भिवानी, हांसी और सोनीपत में कई पेट्रोल पंप फूंक दिए गए। रेलवे स्टेशनों के भी टिकट काउंटर जला दिए गए।

6- कई अहम हाईवे भी जाम कर दिए गए। हालात इतने बिगड़ गए कि कई परिवारों को पैदल ही पानीपत से दिल्ली का सफर तय करना पड़ा।

7- इस पूरे बवाल का फायदा उठाया एयरलाइंस कंपनियों ने। दिल्ली से चंडीगढ़ की जो फ्लाइट सामान्य दिनों में अधिकतम 10,000 रुपये की होती है, वहीं रविवार को इसका किराया 90 हजार रुपये तक पहुंच गया।

8- हरियाणा में बवाल के चलते दिल्ली की जल आपूर्ति रोकनी पड़ी। कई जगहों पर लोगों ने कब्जा जमा लिया। नतीजा यह हुआ कि दिल्ली में पानी खत्म हो गया और सोमवार को सभी स्कूल भी बंद करने पड़े।

9- कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने पत्रकारों के साथ मारपीट की और उनके कैमरे भी तोड़ दिए। इतना ही नहीं, एक सांसद के घर और होटल में भी तोड़फोड़ की गई।

10- मुरथल के कई ढाबों को तोड़ दिया गया। कई गरीब परिवार इस आरक्षण की आंधी में तबाह हो गए। शनिवार को एक विधवा महिला का ढाबा जला कर खाक कर दिया गया। न जाने उसने क्या विरोध किया था!

एसोचैम के आकलन के मुताबिक, इस आरक्षण आंदोलन की वजह से हरियाणा को करीब 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हरियाणा में आवाजाही रुकी तो आसपास के पंजाब, हिमाचल, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को भी झटका झेलना पड़ा।