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चारा घोटाला: तीसरे मामले में लालू प्रसाद यादव-जगन्नाथ मिश्रा को 5-5 साल कैद, 5-5 लाख रुपये जुर्माना

रांची। बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव ने चारा घोटाला केस में हैट्रिक मार दिया है। रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को एक एक और केस में दोषी ठहराया है। इससे पहले चारा घोटाले से जुड़े दो मामलों में लालू यादव को सजा हो चुकी है। मंगलवार को उन्‍हें चाईबासा ट्रेजरी में गबन के मामले में दोषी ठहराया गया है। लालू यादव के साथ-साथ इस केस में बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जगन्‍नाथ मिश्रा को भी दोषी ठहराया गया है। इस केस में सीबीआई की स्‍पेशल कोर्ट ने 56 आरोपियों में से 50 को दोषी ठहराया है। अदालत का फैसला आने के बाद आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का कहना है कि वो सीबीआई की स्‍पेशल कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। वहीं लालू यादव के बेटे तेजस्‍वी ने इसे बीजेपी और संघ परिवार की साजिश करार दिया है।

मंगलवार को सीबीआई विशेष अदालत का फैसला आने के बाद लालू यादव के बेटे तेजस्‍वी यादव ने कहा कि जनता जानती है कि किस तरह से बीजेपी-संघ परिवार और नीतीश कुमार लालू यादव के खिलाफ षणयंत्र रच रहे हैं। तेजस्‍वी यादव का कहना है कि हम सीबीआई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उच्‍च अदालत में अपील करेंगे। दरसअल, रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने चाईबासा ट्रेजरी मामले की सुनवाई दस जनवरी को ही पूरी कर ली थी। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाने के लिए 24 जनवरी की तारीख मुकर्रर की थी। तय तारीख पर ही लालू यादव और दूसरे आरोपियों को दोषी करार दे दिया गया है। इस केस में अब अदालत में सजा पर बहस होगी। इससे पहले इसी अदालत ने लालू यादव को देवघर ट्रेजरी मामले में भी दोषी ठहराते हुए साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।

तब से लालू यादव रांची की बिरसामुंडा जेल में बंद हैं। आरोप है कि चारा घोटाले में करीब 1000 करोड़ रुपए का गबन किया गया था। चाईबासा ट्रेजरी से 35 करोड़ 62 लाख रुपये अवैध तरीके से निकाले गए थे। जांच में पाया गया था कि चाईबासा ट्रेजरी से ये रकम साल 1992 से 1993 के बीच निकाली गई थी। इस घोटाले में कई नेताओं के अलावा पशुपालन अधिकारी और आईएएस अफसर भी शामिल थे। जिन्‍होंने मिलीभगत कर 67 फर्जी आवंटन पत्र तैयार किए थे। इन्‍हीं फर्जी आवंटन पत्रों के जरिए ही चाईबासा ट्रेजरी से 35 करोड़ 62 लाख रुपए निकाले गए थे। जबकि मूल आवंटन सिर्फ सात लाख 10 हजार रुपए का ही हुआ था। लंबी जांच के बाद चाईबासा ट्रेजरी केस में अवैध निकासी को लेकर जांच अधिकारियों ने 12 दिसंबर 2001 में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इस चार्जशीट में 76 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

चाईबासा ट्रेजरी मामले में जिन 76 लोगों को आरोपी बनाया गया था। उसमें अदालत में सुनवाई के दौरान ही अलग-अलग वक्‍त में कुल 14 आरोपियों की मौत हो गई थी। दो आरोपियों ने अदालत के समक्ष अपना गुनाह कबूल कर लिया था। जबकि तीन आरोपी इस केस में सरकारी गवाह बन गए थे। इसके बाद 56 लोगों को ट्रायल फेस करना पड़ा था। जिसमें बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव और जगन्‍नाथ मिश्रा समेत छह नेता शामिल थे। इसी मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद तेजस्‍वी यादव ने बीजेपी और नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि बिहार का एक-एक आदमी जानता है कि लालू को इस मुकदमे में फंसाया गया है। बीजेपी और नीतीश कुमार लालू को फंसाने में जुटे हुए हैं। इन लोगों का बस एक ही टारगेट है लालू प्रसाद यादव। ये लोग बिहार के विकास की बजाए लालू को दबाने में जुटे हैं। तेजस्‍वी का कहना है‍ कि इस बात को लेकर बिहार की जनता में बहुत गुस्‍सा है कि लेकिन, वो अदालत के फैसले का सम्‍मान करते हैं। इसलिए हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।