Breaking News

खुलासा : सीएम अखिलेश के चाचा से लेकर मामा तक सिफारिश से ठेके दिलाने का आरोप !

लखनऊ। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद यादव सिंह नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर थे, उनके संबंध सत्ताधारी समाजवादी पार्टी से भी उतने ही अच्छे थे, जितने विपक्ष बसपा से, करीब दस हजार करोड़ के घोटाले का आरोपी यादव सिंह का साथी और करीबी कहे जाने वाले रामेंन्द्र सिंह भी इन दिनों जेल में बंद है, रामेन्द्र सिंह की एक डायरी सीबीआई के हाथ लगी है, इस डायरी से यूपी के कई बड़े नाम शक के घेरे में है। एबीपी न्यूज के अनुसार इस डायरी में 15 लोगों के नाम है, जो यादव सिंह के साथ मिलकर अपने करीबियों और रिश्तेदारों को ठेके दिलाने का काम करते थे।

ये बताने की जरुरत नहीं है कि नोएडा अथॉरिटी में यादव सिंह का सिक्का चलता था, एबीपी न्यूज पर दिखाये गए खबर के अनुसार यादव सिंह के करीबी असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंजीनियर रामेंन्द्र सिंह की डायरी में 15 नेताओं के नाम दर्ज हैं, इन लोगों से जल्द ही सीबीआई की टीम पूछताछ कर सकती है। सीबीआई के मिली डायरी के 15वें पेज पर लिखा है, श्री अनिल यादव, केयर ऑफ प्रोफेसर साहब, अब सवाल ये उठता है कि कौन हैं ये प्रोफेसर साहब?, क्या ये अखिलेश के चाणक्य कहे जाने वाले प्रोफेसर रामगोपाल यादव हैं ? सवाल ये उठ रहा है कि क्या प्रोफेसर साहब ने यादव सिंह से किसी अनिल यादव को ठेका देने की सिफारिश की थी, मालूम हो कि राजनीति की दुनिया में रामगोपाल यादव को प्रोफेसर साहब के नाम से ही जाना जाता है। खुद उनके भाई शिवपाल यादव ने ही पिछले दिनों उन पर आरोप लगाया था कि उनके बेटे और बहू यादव सिंह घोटाला मामले में फंसे हुए है, इसी वजह से वो बीजेपी को फेवर कर रहे हैं।

सीएम अखिलेश के चाचा और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव को शायद इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा, कि इस डायरी में उनका भी नाम है, रामगोपाल यादव के नाम के ठीक नीचे ही उनका नाम भी लिखा है। इसी सरकार में शिवपाल यूपी के पीडब्लयूडी मिनिस्टर रहे थे, तो क्या उन्होने भी अपने करीबी को ठेका दिलाने के लिये यादव सिंह से सिफारिश की थी?, इस डायरी में सिर्फ यादव बंधुओं का नाम नहीं है, बल्कि उनके कई रिश्तेदारों के भी नाम दर्ज हैं। इस डायरी में एक जगह तो सीएम के मामा का भी नाम लिखा हुआ है। डायरी के एक पन्ने में लिखा है, मैसर्स सांइ कंस्ट्रक्शन, कृष्णा एसोसिएट्स, रिफरेंस- विनय यादव, सीएम के मामाजी।

एक पेज पर बदायूं से सांसद धर्मेन्द्र यादव का नाम भी दो जगह लिखा है, इतना ही नहीं मैनपुरी से सांसद और लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव का भी नाम इसमें दर्ज है। डायरी में लिखा है एक करोड़ संजीब यादव, रिफरेंस तेज प्रताप यादव। इसके अलावा प्रदेश महिला आयोग की सदस्य शीला चतुर्वेदी का भी नाम इसमें दर्ज है। दर्शन सिंह यादव, प्रधान, सैफई, इटावा के पौत्र श्री राजकुमार यादव। इतना ही नहीं सत्ताधारी पार्टी के लोगों के अलावा इसमें बीएसपी में रहे स्वामी प्रसाद मौर्य का भी नाम इसमें दर्ज हैं, मालूम हो कि स्वामी प्रसाद बीएसपी छोड़ अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, यानि प्रदेश की तीनों प्रमुख पार्टियों के लोगों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हैं। हम इस बात का कतई दावा नहीं कर रहे कि यादव परिवार के लोग भ्रष्टाचार में शामिल थे, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि हजारों करोड़ के घोटाले के आरोपी के डायरी में क्यों इन नेताओं के नाम दर्ज हैं।