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खुफिया एजेंसियों के निशाने पर उत्तराखंड में 10 और संदिग्ध

haridwarहरिद्वार। हाल ही में आतंक की साजिश के शक में रुड़की से चार युवकों की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों की सभी इकाईयां काफी सक्रिय हो गयी हैं। इन युवकों से जुड़े 10 से ज्यादा संदिग्ध खुफिया एजेंसियों के टारगेट पर हैं। आईबी ने संदिग्धों की लिस्ट और उनके मोबाइल नंबर स्थानीय खुफिया एजेंसियों को भी दिए हैं।

सभी संदिग्धों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए गए हैं और उनका कच्चा चिट्ठा तैयार किया जा रहा है।इन नंबरों के आधार पर स्थानीय खुफिया विभाग गिरफ्तार युवकों के संपर्क में रह रहे संदिग्धों का पता लगा रही है। साथ ही ये भी देखा जा रहा है कि इन चारों युवकों के संपर्क में कौन लोग सबसे ज्यादा रहे हैं। पुख्ता सबूत हाथ आते ही जिले और प्रदेश से कुछ और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है। इस बीच फरार मोहसिन के मुजफ्फरनगर में छिपे होने की खबरें हैं। माना जा रहा है कि आईबी बहुत जल्द मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में दबिश दे सकती है।

कॉलेजों से लिया जा रहा रिकॉर्ड

गिरफ्तार किये गए चारों युवकों में अखलाकुर्रहमान सालियर गांव के एक पॉलीटेक्निक इंस्टीट्यूट और मेहराज हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज का छात्र है। जबकि अजीम और ओसामा कस्बे के ही एक डिग्री कॉलेज में बीए के छात्र हैं। खुफिया विभाग इन चारों छात्रों के कॉलेज का रिकॉर्ड खंगालने में जुट गयी है। कॉलेज प्रबंधन के अलावा छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों और सहपाठियों से भी आईबी जल्द ही पूछताछ कर सकती है।

स्कूल के पास दिखे चार संदिग्ध

उत्तराखंड से चार आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद से ये आशंका गहराती जा रही है कि अभी और संदिग्ध जिले में हो सकते हैं। इस बीच रुड़की में दो दिन पहले जादूगर रोड स्थित सेंटेंस स्कूल के पास बुर्के में मास्क लगाए चार संदिग्ध देखे गए। जिसके बाद स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और जगह-जगह जांच-पड़ताल भी की गई लेकिन इन बुर्काधारियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। मामले में एसएसपी सेंथिल अबुदई ने रिपोर्ट तलब की है। साथ ही आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के जांच के निर्देश भी दिए हैं। एसएसपी का कहना है कि रुड़की क्षेत्र के साथ ही पूरे जिले में संदिग्धों की तलाश जारी है। पुलिस और खुफिया विभाग दोनों के आपसी तालमेल से जांच अभियान चल रहा है। सार्वजनिक स्थलों और घनी बस्तियों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।