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खतरनाक: हर साल 11 सेंटिमीटर धंस रही है चीन की राजधानी

24Beijingपेइचिंग। चीन की राजधानी पेइचिंग भयावह धुंध और कभी-कभार रेतीले तूफान के लिए जाना जाता है। अब यह शहर एक और भयानक पर्यावरणीय भूमिगत संकट से जूझ रहा है। पेइचिंग हर साल धंस रहा है। भूमिगत जल के भयावह दोहन के कारण शहर की भूमिगत जिऑलजी नष्ट हो गई है। यह बात एक स्टडी में सामने आई है। सेटलाइट इमेज की स्टडी की बाद यह खुलासा हुआ है। खास कर पेइचिंग के सेंट्रल बिजनस डिस्ट्रिक्ट की स्थिति भयावह है। यह हर साल 11 सेंटिमीटर या चार इंच से ज्यादा नीचे धंस रहा है।

इस स्टडी के रिसर्चर ने चेताया है कि यदि नीचे धंसने का सिलसिला नहीं थमा तो शहर के 20 मिलियन से ज्यादा लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। इसके साथ ही रेलों के परिचालन पर खतरनाक असर पड़ सकता है। यह स्टडी रिपोर्ट एक जर्नल में छपी है। स्टडी में बताया गया है कि भूमि की स्थिति बदल रही है। इस स्टडी को सात लोगों की एक टीम ने लिखा है। इनमें से तीन लोगों ने अपनी रिपोर्ट के बारे में ब्रिटेन के अखबार ‘द गार्जियन’ को जानकारी दी है। ये तीन हैं चीनी ऐकडेमिक चेन मी, शिओजुआन और स्पेन के इंजिनियर रॉबेर्तो थॉमस।

इन्होंने कहा, ‘हमलोग इस मामले में और डिटेल जुटा रहे हैं कि नीचे खिसकने के कारण चीन के मैदानी इलाकों के महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर (हाई स्पीड रेलवे) पर क्या असर पड़ने जा रहा है।’ इन्होंने ईमेल के जरिए ‘द गार्जियन’ को जवाब भेजा है। इन्होंने उम्मीद जताई है कि इस साल तक इस मामले में और विस्तृत जानकारी सामने आ जाएगी। चीन समतल मैदान पर है और यहां पानी सदियों से जमा हुआ था। भूमिगत जल के बेपरवाह दोहन के कारण पानी का स्तर लगातार नीचे जाता रहा। इससे भीतर की जमीन स्पंज की तरह सिकुड़ रही है क्योंकि पर्यावरणीय दबाव और भूमिगत जल का दबाव असंतुलित हुआ है।
स्टडी के मुताबिक पूरा शहर डूब रहा है लेकिन पेइचिंग का चाओयांग जिला सबसे ज्यादा धंस रहा है। 1990 के बाद यहां गगनचुंबी इमारतें, रिंगरोड्स और दूसरी तरह के डिवेलपमेंट बेपरवाह तरीके से हुए। रिसर्चरों का कहना है कि प्राकृतिक असंतुलन के कारण कुछ इलाकों में धंसने की प्रक्रिया खतरनाक तरीके से बढ़ रही है। यहां की इमारतें और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर खतरे में हैं। पूरे पेइचिंग में दसियों हजार पानी के कुएं हैं। ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल खेती और बागवानी में करते हैं। चीन के अग्रणी पर्यावरणविदों का कहना है कि कुएं के निर्माण को लेकर स्टेट रेग्युलेटरी सिस्टम है लेकिन यह प्रभावी नहीं है।

पेइचिंग में इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ऐंड इन्वाइरनमेंट अफेयर्स के डायरेक्टर मा यून ने कहा कि इस मामले में कई नियम हैं लेकिन शक है कि इनका इस्तेमाल भी होता है। मा ने कहा कि वह पेइचिंग के डूबने को लेकर हैरान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हाल के दशकों में चाओयांग में जिस लापरवाही से विकास कार्यों को आगे बढ़ाया गया है उससे इसकी आशंका थी ही। उन्होंने कहा कि अब पूरब की तरफ शहर को आगे बढ़ाना चाहिए।

2015 में चीन ने व्यापक पैमाने पर इंजिनियरिंग प्रॉजेक्ट को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य था पेइचिंग के जल संकट को कम करना। राज्य के द्वारा साउथ-नॉर्थ वाटर डायवर्जन पूरा किया गया। 4418 बिलियन रुपये की लागत से यहां 2,400 किलोमीटर नहरों और सुरंगों का निर्माण किया गया। इसके जरिए 44.8bn क्यूबिक मीटर्स पानी राजधानी में पहुंचाया जा रहा है।