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“कोई अपमान ही करना चाहे हो तो मैं क्या कर सकता हूं”

ram naikलखनऊ। शनिवार को राजभवन में आयोजित एक समारोह के बाद पत्रकारों से राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि विधानमंडल द्वारा राष्ट्रपति के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रोटोकाल का पालन नहीं किए जाने से वो नाराज नहीं है। “जनंतत्र में हर किसी को अधिकार है। कोई अपमान ही करना चाहता हो तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं।

29 जनवरी को राज्य विधान मंडल द्वारा उसके दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने से पहले और बाद में राष्ट्रपति के नए दिशा-निर्देशों के अनुरूप राज्यपाल का स्वागत-सम्मान किया जाना था, लेकिन विधानमंडल ने पुरानी परंपरा को कायम रखने का फैसला किया।

इसके उलट राजभवन ने राष्ट्रपति के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए विधानभवन आने से पहले राज्यपाल को गार्ड आफ आनर दिया गया। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आठ व नौ फरवरी को राज्यपालों का सम्मेलन दिल्ली में बुलाया है। इस सम्मेलन में राज्य विधान मंडल द्वारा राष्ट्रपति के नए दिशा-निर्देशों को न मानने को लेकर चर्चा हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसीलिए उन्होंने राज्य विधानमंडल दल की सर्वदलीय बैठक में लिए गए फैसले और सभी दलों के नेताओं द्वारा कही गई बातों का सारा ब्योरा राष्ट्रपति को भेज दिया है।

जिससे राष्ट्रपति भवन भी उस ब्योरे का अध्ययन कर सके। यह ब्योरा यूपी विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने राज्यपाल की प्रमुख सचिव सुश्री जूथिका पाटणकर को भेजा था। बहरहाल, इस मसले पर राज्यपाल को राष्ट्रपति के रुख का इंतजार है, क्योंकि नया प्रोटोकाल सभी राज्यों के राज्यपालों से संबंधित है और ये सभी राज्यपाल इस सम्मेलन में मौजूद रहेंगे।