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कॉरेक्स की पाबंदी पर फाइजर को हाई कोर्ट से अंतरिम राहत

Delhi-High-Courtनई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिग्गज फार्मा कंपनी फाइजर के कफ सिरप कॉरेक्स की बिक्री पर लगी पाबंदी पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने सरकार को यह निर्देश भी दिया कि वह कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करे। जस्टिस राजीव सहाय ने कंपनी को अंतरिम राहत देते हुए कहा कि फाइजर पिछले 25 साल से कफ सीरप बेच रहा है।

कोर्ट ने मामले में हेल्थ मिनिस्ट्री को नोटिस जारी करते हुए एक्सपर्ट कमिटी की उस रिपोर्ट पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है जिसके आधार पर 300 से दवाओं के ड्रग कॉम्बिनेशन की बिक्री 10 मार्च से देश में बंद की गई है। अदालत ने कहा, ‘जब तक अधिसूचना प्रभावी रहेगी, कंपनी के खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी।’ अदालत का यह आदेश फाइजर की उस याचिका पर आया है जिसमें उसने हेल्थ मिनिस्ट्री के खिलाफ कारण बताओ नोटिस या सुनवाई बगैर नोटिफिकेशन जारी किए जाने की शिकायत की थी।

इस बीच सोमवार सुबह कंपनी ने जैसे ही ऐलान किया कि वह अपने पॉप्युलर कफ सिरप कॉरेक्स की मैन्युफैक्चरिंग और सेल बंद करने वाली है, उसके शेयरों में गिरावट शुरू हो गई। कारोबार के अंत में फाइजर का शेयर बीएसई पर 8.67 फीसदी गिरकर 1760.80 पर बंद हुआ। कॉरेक्स को उन 300 दवाओं की लिस्ट में शामिल गया है, जिनपर सरकार ने पाबंदी लगाई है। सरकार ने पाबंदी इंडियन मार्केट से गैरवाजिब फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशंस वाली दवाओं को हटाने की कोशिशों के तहत लगाई है।

हेल्थ मिनिस्ट्री के नोटिफिकेशन के बाद फाइजर ने हाई कोर्ट का रुख किया जहां उसे अंतरिम राहत मिल गई। ऐबट इंडिया का कफ सिरप फेनसेडाइल भी पाबंदी वाली दवाओं की सूची में है। ऐबट इंडिया के शेयर ओपनिंग प्राइस से ऊपर बंद हुए लेकिन उसमें दिन भर उतार-चढ़ाव बनी रही। बीएसई को दी जानकारी में कंपनी ने बताया कि 31 दिसंबर को खत्म 9 महीने में कोरेक्स की 176 करोड़ रुपये की रेकॉर्ड सेल हुई थी। कंपनी ने कहा कि इस पाबंदी का उसकी आमदनी और फायदे पर बुरा असर पड़ेगा। दिन भर के उतार-चढ़ाव के बाद ऐबट इंडिया के शेयर फ्लैट 4,884 रुपये पर बंद हुए। कंपनी के शेयर एक समय में 1.98 फीसदी गिरकर 4755 रुपये के लेवल तक आ गए थे।

कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि ऐबट नोटिफिकेशन रिव्यू कर रहा है और मौजूदा विकल्पों को खंगाल रहा है। प्रवक्ता ने ईटी को भेजे नोट में कहा है, ‘डीसीजीआई की अनुमति के बावजूद कुछ फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशंस वाली दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग और सेल्स को लेकर जो एकपक्षीय रवैया अपनाया गया है, हम उससे चिंतित हैं।’