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कैराना पर NHRC की रिपोर्ट के बाद वेस्ट यूपी में तेज होगा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण?

kairanaनई दिल्ली/लखनऊ। बिजनौर कांड को लेकर वैसे ही वेस्ट यूपी का माहौल तनावपूर्ण है। अब कैराना पलायन प्रकरण को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की रिपोर्ट आने के बाद एक बार फिर वेस्ट यूपी में माहौल गरम हो सकता है। वैसे बीजेपी इस मसले को लॉ ऐंड ऑर्डर से जोड़कर उठाने की बात कह रही है। आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की खातिर मामले को अलग रंग देने की पूरी कोशिश होने की संभावना है।

कैराना में कथित पलायन का मसला एक तरह से ठंडे बस्ते में चला गया था। लेकिन NHRC की रिपोर्ट आने के बाद बीजेपी खेमे में जबर्दस्त उत्साह की लहर है। बीजेपी इस मसले पर सीधे प्रदेश की अखिलेश सरकार पर निशाना साध रही है। पलायन करने वालों की लिस्ट जारी करने वाले कैराना से बीजेपी सांसद हुकुम सिंह का कहना है कि वेस्ट यूपी के हर नगर में कैराना जैसे हालात हैं। यूपी चुनाव को देखते हुए बीजेपी इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगी।

बीजेपी भले ही इसे लॉ ऐंड ऑर्डर का मसला बता रही हो, लेकिन पार्टी का पूरा फोकस हिंदू मतों के ध्रुवीकरण पर है। शामली से बीजेपी विधायक सुरेश राणा का कहना है कि एक वर्ग विशेष को खुश करने की एसपी सरकार की नीति ही पलायन और अपराध की वजह है। पूरे उत्तर प्रदेश में अराजकता की स्थिति है। हिंदू समाज के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम का कहना है कि कैराना से हिंदू पलायन करता रहा और अखिलेश देखते रहे। हिंदू मरता है तो एक पैसा नहीं, लेकिन दूसरे समुदाय के लिए खजाने खोल दिए जाते हैं।

बीजेपी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि कि कैराना सहित सभी स्थानों से हुए पलायन की CBI जांच होनी चाहिए। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने बताया कि NHRC की रिपोर्ट में अपराधियों के भय से पलायन को सही पाया जाना प्रदेश सरकार को आइना दिखाता है।

दूसरी ओर NHRC की रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। RLD के अध्यक्ष अजित सिंह ने रिपोर्ट को बेमतलब करार देते हुए इस पर सवाल खड़े किए। अजित सिंह ने कहा ‘कैराना से 346 परिवारों के पलायन करने की बात कही गई थी। NHRC ने उनमें से सिर्फ 6 परिवारों से बात करके रिपोर्ट तैयार कर दी। क्या वह बाकी परिवारों से बात नहीं कर सकता था ?’ बीजेपी इस रिपोर्ट को सही करार दे रही है। सरधना से बीजेपी विधायक संगीत सोम का कहना है कि बिसाहड़ा मामले को भी यूपी सरकार ने दबाने की कोशिश की थी, लेकिन मथुरा की लैब रिपोर्ट में सरकार के दावे की पोल खोल दी। सोम का कहना है कि एनएचआरसी की रिपोर्ट पूरी तरह से प्रामाणिक है।