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कुलभूषण जाधव पर आखिर चुप क्यों हैं परिवार वाले

Jadhavमुंबई। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में गिरफ्तार हुए पूर्व नेवी ऑफिसर कुलभूषण जाधव को लेकर कई जानकारी सामने आ रही है। हालांकि उनके परिवार के सदस्यों ने बिल्कुल चुप्पी साध रखी है। पाकिस्तान ने इन्हें भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट बताकर अरेस्ट किया है। कुलभूषण के दोस्त सुब्रतो देबू मुखर्जी ने शनिवार को एनबीटी से कहा कि कुलभूषण के पिता सुधीर जाधव पहले एसीपी थे और मुंबई के एन. एम. जोशी मार्ग में पुलिस क्वॉर्टर में रहते थे। मुखर्जी का परिवार भी उन दिनों उसी इलाके में रहता था।

सुधीर जाधव सन 1997-98 में जब रिटायर हुए, तो छह महीने बाद ही एन. एम. जोशी मार्ग से पवई के हीरानंदानी गार्डेन स्थित सिल्वर ओक बिल्डिंग में रहने चले गए। कुलभूषण के एक और चाचा सुभाष जाधव भी पुलिस फोर्स में थे। सन 2002 में हिट ऐंड रन केस में जब सलमान खान गिरफ्तार हुए थे, तो सुभाष जाधव बांद्रा रीजन के प्रभारी थे। पर मुखर्जी कहते हैं सुभाष कभी भी एन एम जोशी मार्ग वाले पुलिस क्वॉर्टर में नहीं रहे। वह प्राइवेट घर में रहते थे। रिटायर के बाद वे दादर में शिवाजी पार्क में शिफ्ट हो गए थे।

कुलभूषण के एक और भी चाचा सुरेंद्र जाधव हैं। बकौल मुखर्जी सुरेंद्र जाधव पुलिस विभाग में नहीं रहे, पर वे किसी और सरकारी विभाग में महत्चपूर्ण पद पर कार्यरत थे। मुखर्जी ने कहा कि जहां तक उन्हें याद है, सुरेंद्र बांद्रा में रहते थे और शायद अभी भी वहां रहते होंगे।

सुब्रतो देबू मुखर्जी कहते हैं कि कुलभूषण जाधव की पैदाइश 16 अप्रैल 1969 की है। कुलभूषण ने 1986-87 में पुणे में नैशनल डिफेंस अकादमी यानी NDA जॉइन की। करीब चार साल बाद वह नेवी में गया। नेवी जॉइन करने के बाद मुखर्जी का कुलभूषण से फिर बहुत ज्यादा संपर्क नहीं रहा, पर कुलभूषण कुछ साल पहले मुखर्जी की बहन की शादी में जरूर आया था।

मुखर्जी और कुलभूषण इतने जिगरी दोस्त थे, कि मुखर्जी को मराठी कुलभूषण ने ही सिखाई थी। मुखर्जी के अनुसार, कुलभूषण फुटबॉल का बहुत ही बढ़िया खिलाड़ी है। भारत सरकार की तरह खुद मुखर्जी भी पाकिस्तान के इस दावे को मानने को तैयार नहीं कि उनका दोस्त रॉ का एजेंट है। खुद कुलभूषण का परिवार भी इस आरोप से बेहद आहत है।

शनिवार को मीडिया के लोग पवई की सिल्वर ओक बिल्डिंग के बाहर घंटों खड़े रहे, पर परिवार के लोगों ने किसी से बात नहीं की, पर बिल्डिंग के दूसरे लोगों के जरिए मीडिया को खबर मिली कि कुलभूषण को लेकर पूरा परिवार बेहद परेशान है और उसने सचाई जानने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क भी किया है। परिवार इस पूरे मामले में एक-दो दिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर विचार कर रहा है। परिवार वालों को शक है कि कुलभूषण किसी बड़ी राजनीतिक साजिश का शिकार हुआ है।