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कासगंज हिंसा : कपिलदेव बोले – पाक समर्थकों को ट्रेन में लादकर भेज दूंगा पाकिस्तान

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के कासगंज में हालात तनावपूर्ण लेकिन, नियंत्रण में हैं। रविवार को छुटपुट हिंसा को छोड़कर उपद्रवी किसी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे सके। पुलिस यहां पर कानून व्‍यवस्‍था कायम करना चाहती है। लेकिन, कासगंज हिंसा को लेकर अब राजनीति भी गरमाने लगी है। हालांकि पुलिस ने कासगंज में राजनैतिक दौरों पर पाबंदी लगा रखी है। लेकिन, इस मामले पर राजनैतिक बयानबाजी जारी है। पुलिस को मालूम है कि अगर यहां पर राजनैतिक नेताओं का आना जाना शुरु हुआ तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं। इसलिए नेताओं पर पुलिस की खास नजर है। लेकिन, नेताओं ने भी अब कासगंज हिंसा पर दूर से ही बयान देने शुरु कर दिए हैं। इस मामले में कपिलदेव का विवादित बयान सामने आया है। जिसमें उन्‍होंने कहा है कि जो भी पाकिस्‍तान के नारे लगाएगा उसे ट्रेन में बिठाकर पाकिस्‍तान भेज दिया जाएगा।

कपिलदेव उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। कासगंज हिंसा मामले पर कपिलदेव अग्रवाल ने कहा कि ‘पाकिस्तान के नारे लगाने वालों को ट्रेन में भरकर पाकिस्तान भेज देंगे।’ दरअसल, कासगंज में 26 जनवरी को उस वक्‍त हिंसा भड़क गई थी जब 69वें गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए थे। दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए थे। दोनों ओर से पथराव और फायरिंग शुरु हो गई थी। इस हिंसा में चंदन गुप्‍ता नाम के एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। जिसके बाद बवाल और बढ़ गया था। आरोप है कि चंदन गुप्‍ता की हत्‍या शकील नाम के युवक ने की। जिसके घर पर पुलिस की छापेमारी में देसी बम और पिस्‍टल बरामद किया गया है। शकील अभी फरार है। पुलिस की कई टीमें शकील को पड़कने के लिए दबिश दे रही हैं। इसके साथ ही उसके करीबी लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।

कासगंज हिंसा के मामले में पुलिस अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके साथ ही बड़ी संख्‍या में संदिग्‍धों को हिरासत में भी लिया गया। इसी मसले पर राजनीति गरमाई हुई है। जहां एक ओर विपक्षी दल कासगंज दंगे को लेकर बीजेपी और योगी आदित्‍यनाथ की सरकार पर हमला कर रहे हैं। वहीं बीजेपी के नेताओं ने भी सख्‍त तेवर अपना रखे हैं। मुजफ्फरनगर से बीजेपी के विधायक कपिलदेव अग्रवाल का कहना है कि जो भी पाकिस्‍तान के समर्थन में नारेबाजी करेगा उसे ट्रेन में बिठाकर पाकिस्‍तान भेज दिया जाएगा। राजनैतिक बयानबाजियों के बीच पुलिस के अफसर कासगंज में दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की रहे हैं। एक पक्ष के कुछ लोगों ने कासगंज हिंसा के बाद शांति स्‍थापित करने की मांग को लेकर प्रशासनिक अफसरों के साथ मीटिंग भी की।

उधर, उत्‍तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि कासगंज में हालात तनावपूर्ण जरूर हैं लेकिन, पूरी तरह नियंत्रण में हैं। उनका कहना है कि जिले में कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए पुलिस कुछ भी कर सकती है। इसी के तहत यहां पर राजनेताओं के दौरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही जिले में इंटरनेट की सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है ताकि सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों को रोका जा सके। डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि हिंसा में शामिल किसी भी शख्‍स को बख्‍शा नहीं जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो उपद्रवियों पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। कासगंज हिंसा के बाद शांति कायम करने के लिए पूरे इलाके में सुरक्षाबलों का फ्लैग मार्च भी कराया जा रहा है। हालांकि कासगंज हिंसा के पीछे पुलिस के वरिष्‍ठ अफसरों को भी राजनैतिक साजिश की बू आ रही है। जिसकी जांच की जा रही है।