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कांग्रेस के आगे झुकी लालू एंड कंपनी, भभुआ सीट पर RJD ने छोड़ी दावेदारी

पटना। बिहार में पिछले कुछ दिनों से उपचुनावों में सीट बंटवारे को लेकर चल रहा RJD और कांग्रेस का घमासान फिलहाल थम गया है। दोनों ही दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात बन गई है। RJD को कांग्रेस पार्टी की मांग के आगे झुकना पड़ा है। राष्‍ट्रीय जनता दल ने कांग्रेस के लिए भभुआ सीट छोड़ दी है। अब यहां से कांग्रेस पार्टी ही अपना उम्‍मीदवार उतारेगी। बिहार में कुल तीन सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिसमें अररिया में लोकसभा का उपचुनाव होना है। जबकि जहानाबाद और भभुआ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है। RJD और कांग्रेस के बीच बनी सहमति से पहले लालू एंड कंपनी इन तीनों ही सीट पर खुद अकेले ही चुनाव लड़ना चाहती थी। जबकि कांग्रेस पार्टी का कहना था कि भभुआ में उसका जनाधार काफी अच्‍छा है इसलिए ये सीट उसे दी जाए। भभुआ विधानसभा सीट को लेकर ही दोनों दलों में तकरार थी।

लेकिन, अब इस विवाद को सुलझा लिया गया है। जानकारी के मुताबिक अब RJD या कहें लालू एंड कंपनी सिर्फ दो सीटों पर ही अपने उम्‍मीदवार उतारेगी। यानी RJD अररिया लोकसभा और जहानाबाद विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। जबकि कांग्रेस पार्टी भभुआ सीट पर अपनी किस्‍मत आजमाएगी। बुधवार को दोनों ही दलों के नेताओं की इस मसले पर मीटिंग हुई थी। बताया जा रहा है कि इसी मीटिंग के बाद सीट शेयरिंग को लेकर आम सहमति बन पाई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग और भभुआ सीट को लेकर RJD के कुछ नेताओं ने जेल में लालू यादव से भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि लालू यादव नहीं चाहते थे कि बिहार में उनकी पार्टी का गठबंधन कांग्रेस से टूटे। अगर ऐसा होता तो RJD अकेले पड़ जाती। लालू को इस बात का अंदेशा था कि अगर भभुआ सीट पर विवाद बढ़ा तो नौबत गठबंधन टूटने की भी आ सकती थी।

वहीं RJD के नेताओं का कहना था कि असल में तेजस्‍वी यादव इन दिनों अपने दौरों में व्‍यस्‍त थे। इसी व्‍यस्‍तता के चलते उनकी कांग्रेस नेताओं के साथ मीटिंग नहीं हो पा रही थी। दोनों दलों के बीच किसी भी बात को लेकर कोई विवाद नहीं है। RJD के नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्‍वी यादव जैसे ही अपने दौरे से लौटे उन्‍होंने सबसे पहले बिहार कांग्रेस के अध्‍यक्ष कोकब कादरी से मुलाकात की। इसी मुलाकात के बाद तय किया गया कि RJD कांग्रेस के लिए भभुआ सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ देगी। इस सीट पर आम सहमति बनने के बाद आरजेडी और कांग्रेस की ओर से संयुक्‍त तौर पर इस बात का एलान भी किया जाएगा। फिलहाल इस सहमति के बाद अब दोनों ही दलों के नेताओं ने राहत की सांस ली है। इन नेताओं को इस बात का भी डर सता रहा था कि कहीं उनके इस आपसी झगड़े का फायदा बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ना उठा ले।

दरसअल, कांग्रेस पार्टी इस बात का पहले से ही एलान कर चुकी थी कि अगर भभुआ सीट पर उसका समझौता RJD के साथ नहीं हुआ तो वो तीनों ही सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारेगी। इसके बाद से ही आरजेडी में हड़कंप मचा हुआ था। बताया जा रहा है कि लालू यादव के इशारे पर ही कांग्रेस-आरजेडी में सहमति बन पाई है। लालू यादव के बेहद करीबी सूत्रों का कहना है कि नेता जी इस वक्‍त किसी भी बात को लेकर बेवजह का विवाद नहीं चाहते हैं। वो पहले से की काफी विवादों में घिरे हुए हैं। RJD के नरम रुख से ये तय हो गया है कि अगले साल लोकसभा चुनाव में भी अब कांग्रेस सीटों के बंटवारे में अपनी मर्जी ही चलाएगी। क्‍योंकि उसने लालू यादव की दुखती रग को पकड़ रखा है। राष्‍ट्रीय जनता दल ने अररिया लोकसभा सीट से अपने पूर्व सांसद मोहम्मद तसलीमद्दीन के बेटे सरफ़राज़ आलम को टिकट दिया हैं। जबकि जहानाबाद विधानसभा सीट से पूर्व विधायक मुद्रिका यादव का बेटा चुनाव लड़ेगा। कांग्रेस भी जल्‍द ही भभुआ सीट से अपने उम्‍मीदवार के नाम का एलान करेगी।