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कर्नाटक हाई कोर्ट ने विजय माल्या को जारी किया नोटिस

malya5बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ऋण का भुगतान नहीं करने को लेकर शराब कारोबारी विजय माल्या की गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट जब्त करने की मांग वाली एसबीआई सहित विभिन्न बैंकरों की याचिका पर माल्या, उनकी बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस और नौ अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना द्वारा नोटिस ऐसे समय जारी किया गया जब ‘ऋण वसूली अधिकरण’ ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दायर चार में से एक आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रखा। एसबीआई सहित 13 बैंकरों ने ऋण वसूली अधिकरण से माल्या की गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट जब्त करने के अनुरोध के बाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। विजय माल्या पर विभिन्न बकाएदारों का करीब 7000 करोड़ रुपयों का बकाया है।

पिछले दिनों चर्चा में रहे यूबीएस ग्रुप और डियाजियो के बीच हुए 75 मिलियन डॉलर के समझौते के मामले को ऋण वसूली अधिकरण ने गंभीरता से लिया है। उल्लेखनीय है कि विजय माल्या ने यूनाइटेड स्प्रिट्सि के चेयरमैन पद से हटने के लिए डियाजियो के साथ पिछले सप्ताह समझौता किया था। इसके तहत उन्हें 7.5 करोड डॉलर की राशि मिलनी है और एसबीआई चाहता है कि इस धन पर कर्जदारों के पहले अधिकार को सुनिश्चित किया जाए।

अधिकरण के न्यायधीश बेनाकानाहल्ली ने माल्या का पासपोर्ट छीनने, उनकी कुल संपत्तियों की जांच कराने और उनकी गिरफ्तारी की मांग संबन्धी याचिका पर सुनवाई बाद में करने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘अभी मैं बकाएदारों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए डियाजियो-यूबीएस समझौते और माल्या की देश-विदेश में कुल संपत्ति की जांच से जुड़ी ऐप्लिकेशन पर सुनवाई करने जा रहा हूं, अन्य आवेदनों को इसके बाद देखा जाएगा।’

वहीं इस मामले पर माल्या के वकील उदय होल्ला ने कहा कि इस समझौते को माल्या के कर्जों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। होल्ला का कहना था कि यूबीएस से अलग होने से जुड़ा समझौता प्रतियोगिता से बाहर रहने के मकसद से किया गया, जिसके तहत यह कहा गया है कि माल्या अगले पांच सालों तक शराब कारोबार में कदम नहीं रखेंगे।

वहीं माल्या की गिरफ्तारी के मुद्दे पर उनके वकील ने दलील दी कि यह कदम राज्य सभा जैसी संस्था की प्रतिष्ठा के खिलाफ होगा क्योंकि विजय माल्या राज्य सभा के सांसद हैं। होल्ला ने कहा कि उनके क्लायंट के साथ बकाएदार भेदभाव कर रहे हैं, क्योंकि रिलायंस जैसी कंपनियों पर माल्या से भी कई गुना अधिक कर्ज है, लेकिन वे छोटे कर्जदारों को परेशान कर रहे हैं।

उन्होंने आरबीआई का हवाला देते हुए कहा,’हाल ही में आरबीआई ने भी कहा था कि ये बैंक बड़े कर्जदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। मेरे क्लायंट रिलायंस के अंबानी की तुलना में बहुत छोटे कर्जदार हैं। कुछ कंपनियों पर तो 40 हजार करोड़ रुपयों तक का बकाया है लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।’