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कभी भी बसपा से निकाले जा सकते हैं नसीमुद्दीन

लखनऊ। कभी आखों के काजल रहे वरिष्ठ नेता व पूर्वमंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी अब बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए किरकिरी बन गए हैं। पूर्वमंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर चीनी मीलों और भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उनके परिवार की महिलाओं पर अशोभनीय टिप्पणी के मामले में कसते कानून का शिकंजे के कारण किसी भी समय पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

मालूम हो कि बसपा के वरिष्ठ नेता व पूर्वमंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी तथा राम अचल राजभर के खिलाफ दर्ज कराये गये मामले की विवेचना तेज कर दी गयी है। इन नेताओं के खिलाफ पुलिस चार्जशीट लगाने की तैयारी में है। इन लोगों ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उनके परिवार की महिलाओं पर अशोभनीय टिप्पणी की थी। इस मामले में मामले के विवेचक/क्षेत्राधिकारी हजरतगंज ने आरोपित नेताओं को नोटिस जारी कर पक्ष रखने के लिए बुलाया है।

गौरतलब है कि बसपा संस्थापक कांशीराम जी के कंधे से कंधा मिलकर चलने वाले पार्टी के पहले प्रदेश अध्यक्ष जंग बहादुर पटेल, राम लखन वर्मा, सोने लाल पटेल, बरखूराम वर्मा, आर.के. चौधरी, श्रीराम यादव, कैप्टन सिंकदर रिजवी, दीनानाथ भास्कर, राजबहादुर, बलिहारी बाबू, ईसम सिंह, रामरती बिन्द, सरदेश अम्बेडकर, अहमद मसूद, मोहम्मद अरशद, दद्दू प्रसाद, राम प्रसाद, प्रमोद कुरील, जगन्नाथ राही, अशोक वर्मा, प्रमोद कुरील, दद्दू प्रसाद, आर.के. पटेल, मायावती (माया प्रसाद) निकाल दिए गए थे। बसपा का मुख पत्र बहुजन संगठनक के सम्पादक राम प्रसाद और दिल्ली बीएसपी कार्यालय के प्रभारी अशोक कुमार को बेइज्जत करके पार्टी से निकाल दिया था। इनमें से आर.के. चौधरी, दीनानाथ भास्कर, स्वामी प्रसाद मौर्य, गंगा राम अम्बेडकर, कमलाकांत गौतम बहुजन विरोधी नीतियों के चलते पार्टी से किनारा कर लिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मायावती अपने इस करीबी नेता को किसी भी समय पार्टी से निकल सकती हैं

मालूम हो कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने बलिया में आयोजित एक जनसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती को अपशब्द कहे थे। इस मामले को लेकर दयाशंकर सिंह काफी दिनों तक सुर्खियों में रहे। उनके खिलाफ बलिया व लखनऊ में मामला भी दर्ज कराया गया था। बसपा नेताओं ने दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर राजधानी के हजरतगंज इलाके में विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे बसपा नेता नसीमुद्दीन व रामअचल राजभर आदि ने दयाशंकर के परिवार की महिलाओं पर अशोभनीय टिप्पणी की थी। इसके खिलाफ दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने मोर्चा खोला। वह खुलकर सामने आयीं और बसपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की।

काफी जदोजहद के बाद बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी व राम अचल राजभर आदि के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया। इस बीच भाजपा ने दयाशंकर सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया। बाद में उनकी पत्नी स्वाति सिंह को लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं और विजयी घोषित हुई। इसके बाद स्वाति सिंह को भाजपा सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी बनाया गया। सत्ता परिवर्तन के बाद बसपा नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले में अचानक तेजी आयी है। हजरतगंज क्षेत्राधिकारी ने प्रकरण की विवेचना तेज कर दी है। इस सम्बन्ध में बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी व राम अचल राजभर को पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया है। क्षेत्राधिकारी हजरतगंज ने बताया कि आरोपितों का पक्ष जानने के बाद आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। जानकारों का कहना है कि जल्द ही दोनों नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा सकती है। इसके अतिरिक्त उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।