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कन्हैया की जमानत पर शिवसेना ने बीजेपी को घेरा

hearingशिवसेना के बीजेपी से सीधे सवाल

कन्हैया को पब्लिसिटी दिलाने के लिए जिम्मेदार कौन?

हार्दिक पटेल, कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा को जमानत क्यों नहीं?

‘देशद्रोह’ पर दोहरा मापदंड क्यों अपना रही है बीजेपी सरकार?

मुंबई। देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार मामले में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने बीजेपी से तीखे मगर सीधे सवाल पूछे हैं। हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण करने में लगी बीजेपी के लिए इन सवालों से असहज स्थिति पैदा हो सकती है। अपने मुखपत्र के जरिए शिवसेना ने सवाल उठाया है कि ‘देशद्रोह’ का आरोप झेल रहे कर्नल पुरोहित तथा साध्वी प्रज्ञा और गुजरात में पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के आंदोलन का नेतृत्व करने वाला हार्दिक पटेल अब तक सलाखों के पीछे हैं और तो कन्हैया को इतनी आसानी से जमानत कैसे मिल गई? शिवसेना ने सवाल उठाया है कि क्या उसे जेल में रखना सरकार के लिए मुसीबत बन गया था और सरकार को कई प्रश्नों का जवाब देना पड़ता?

शिवसेना ने केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के उस बयान पर भी सवाल उठाया है जिसमें नायडू ने कहा था कि कन्हैया कुमार को मुफ्त प्रसिद्धि मिल रही है। शिवसेना ने पूछा है कि अगर यह सच है, तो उसे मुफ्त की यह प्रसिद्धि दिलाने के लिए जिम्मेदार कौन है? यदि नायडू कहते हैं कि कन्हैया को मुफ्त में प्रसिद्धि मिल रही है, तो इसके लिए हमारी व्यवस्था और प्रशासन जिम्मेदार है। लोग कन्हैया पर हमला करने के लिए पुरस्कार की घोषणा कर रहे हैं, इसलिए वह नायक बन गया है। शिवसेना ने आगे कहा कि आज, कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता। छोटी से छोटी चीज की कीमत चुकानी पड़ती है। पीएफ की बचत टैक्स लगाकर सरकार ने लोगों को यह जता दिया है कि कुछ भी मुफ्त नहीं दिया जाएगा।

मोदी सरकार को अगाह करते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि नेताओं एकमात्र लक्ष्य चुनाव जीतना और सरकार गठित करना है। चुनाव जीतने के बाद चुनाव से पहले किए गए वादे हवा में उड़ जाते हैं और किसान, मजदूर, श्रमिक वर्ग और छात्र इसके कारण पीड़ित हो रहे हैं। यदि यही सब जारी रहा, तो देश के भीतर मानव बम बनने लगेंगे और राजनीतिक खेल के लिए युवाओं का इस्तेमाल होगा।