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ओलिंपिक के मसले पर कोर्ट की सुशील कुमार को फटकार

02sushilwww.puriduniya.com नई दिल्ली। ओलिंपिक में खेलने को लेकर सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बीच जारी ‘कुश्ती’ पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुशील के वकील को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि रियो ओलिंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए रेसलर नरसिंह यादव का चयन किसी के प्रभाव में आकर नहीं किया गया और कोर्ट ने उस नीति में खामियां ढूंढने के लिए सुशील कुमार से भी सवाल किया जिसके दम पर वह तीन बार ओलिंपिक्स खेल चुके हैं।

न्यायमूर्ति मनमोहन ने सुशील के वकील से पूछा, ‘भारतीय रेसलिंग फेडरेशन की नीति लंबे समय से चली आ रही है और अब आप कह रहे हैं कि यह गलत है। 2004 , 2008 और 2012 में सुशील इसी नीति के आधार पर ओलिंपिक्स खेलने गया। फेडरेशन की नीति तभी से चली आ रही है।’

सुशील की ओर से सीनियर एडवोकेट अमित सिब्बल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि फेडरेशन को खेल आचार संहिता का पालन करना चाहिए और ओलिंपिक्स जैसे इंटरनैशनल टूर्नामेंटों के लिए चयन ट्रायल होने चाहिए। कोर्ट ने कहा, ‘यादव ने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में मेडल जीता और ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई किया। वह चैंपियन है। उसका चयन किसी प्रभाव में आकर नहीं किया गया। उसने अपनी क्षमता साबित की है।’सिब्बल ने इस पर कहा कि वह इससे इनकार नहीं कर रहे कि यादव ने भारत को ओलिंपिक्स कोटा दिलाया, लेकिन चयन ट्रायल होना चाहिए।

इसके बाद अदालत ने सिब्बल से पूछा, ‘सुशील दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं, इसमें कोई शक नहीं, लेकिन अगस्त 2014 के बाद से वह सक्रिय नहीं हैं। क्या अगस्त 2014 के बाद से आपने कोई टूर्नमेंट जीता।’ सिब्बल ने इस पर कहा कि सुशील चोटिल थे और चोट से उबरने के बाद वह अभ्यास कर रहे हैं। कोर्ट दोनों पक्षों की दलीलें सुन रही थी जो गुरुवार तक चलेगी।