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ऐसे राजनेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगे !

सुरेन्द्र किशोर

भ्रष्टाचारियों की नाक में दम करने वाले पांच लड़ाकों का विवरण दैनिक हिंन्दुस्तान ने 9 दिसंबर 2017 को छापा था। अखबार ने जिन लड़ाकों के नाम गिनाए, उनमें अन्ना हजारे, संतोष हेगड़े, अखिल गोगई, दंर्गा उरांव और अजित कुमार शामिल हैं। अखबार ने साथ ही यह भी लिखा था कि एशिया के पांच भ्रष्ट देशों में भारत अव्वल है। भारत में छह में से पांच सार्वजनिक सेवाओं के लिए रिश्वत देनी पड़ती है।

हालांकि इन पांच के अलावा प्रशांत भूषण और डा.सुब्रह्मनियन स्वामी ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐतिहासिक काम किए हैं। कई अन्य लोगों ने भी। लोकहित याचिका के कारण ही चारा घोटाले की भी जांच हुई। अब एक ताजा नाम उभरा है अश्विनी उपाध्याय का। उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में 35 जनहित याचिकाएं दायर की हैं। उनमें से एक याचिका के जरिए उन्होंने मांग की है कि जिन लोगों के खिलाफ गंभीर मामलों में कोर्ट में आरोप गठित हो चुके हैं, उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए।
दूसरी ओर इस देश की प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी कांग्रेस आरोप लगाती है कि भाजपा सरकार राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर रही है।

कुछ प्रतिपक्षी नेताओं द्वारा उन मामलों में भी राजनीतिक साजिश का आरोप भी लगाया जाता है जिन मामलों में अदालतों के फैसले आ चुके हैं। यानी उनके अनुसार अदालतें भी उस साजिश में शामिल हैं। चूंकि ऐसी बातों का अदालत नोटिस नहीं लेती अन्यथा …..। अब सवाल है कि कौन सा दल है जो सत्ता में आने के बाद अपने समर्थकों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों का उपयोग या सदुपयोग करता है ? शायद ही कोई दल ऐसा होगा। इतिहास है कि सब तो विरोधियों के खिलाफ ही करते हैं। कांग्रेस सरकार ने तो जेपी और वी.पी. को भी भ्रष्ट साबित करने की कोशिश की थी।

पर अब तो कांग्रेस सत्ता में नहीं है। अब वह भाजपा नेताओं के खिलाफ लोकहित याचिकाओं का उपयोग क्यों नहीं करती ? भाजपा व राजग नेताओं को कठघरे में खड़ा क्यों नहीं करती ? जब कांग्रेस संसद में हंगामा करती है तो यह तर्क देती है कि चूंकि भाजपा भी जब प्रतिपक्ष मंे थी तो हंगामा करती थी तो हम क्यों न करें ? उसी तरह कांग्रेसी यह तर्क क्यों नहीं देते कि भाजपा और कांग्रेस विरोधी दल लोकहित याचिकाओं का इस्तेमाल करते थे तो हम क्यों नहीं करें ?क्या उनके खिलाफ आपके पास सबूत नहीं हैं ?
आखिर आम जनता को क्या चाहिए ? यही कि बारी -बारी से सारे भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो चाहे इसकी पहल जो करे।

(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से)