Breaking News

एमसीडी के 13 वार्डों पर हुए उपचुनाव में AAP ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की है

pollwww.puriduniya.com नई दिल्ली। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टीे (AAP) के लिए ‘लिटमस टेस्ट’ माने जा रहे एमसीडी के 13 वार्डों पर हुए उपचुनाव में AAP ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की है, लेकिन उसे विधानसभा चुनावों के मुकाबले नुकसान हुआ है। विधानसभा चुनाव में इन 13 में से 12 वॉर्ड में आम आदमी पार्टी ने जबर्दस्त बढ़त हासिल की थी। वहीं कांग्रेस ने वापसी करते हुए 4 वार्डों पर कब्जा किया है। 10 साल से एमसीडी पर काबिज बीजेपी के खाते में 3 सीटें आईं। बता दें कि इस उपचुनाव को अगले साल होने वाले दिल्ली एमसीडी चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

उपचुनाव के नतीजे कुछ इस तरह से हैं…

आप के खाते में गए ये वॉर्ड बल्लीमारान (बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र): आप उम्मीदवार जीते विकास नगर (विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र) : आम आदमी पार्टी उम्मीदवार जीते मटियाला (मटियाला) : AAP उम्मीदवार जीते नानकपुरा (आर के पुरम): आम आदमी पार्टी जीती तेहखंड (तुगलकाबाद): आप को जीत मिली
कांग्रेस के खाते में गए ये वॉर्ड कमरुद्दीन नगर (नांगलोई जाट विधानसभा क्षेत्र ): कांग्रेस के अशोक भारद्वाज जीते मुनिरका (आरके पुरम): कांग्रेस की योगिता राठी को जीत मिली खिचड़ीपुर (कोंडली): कांग्रेस उम्मीदवार आनंद कुमार ने बीजेपी प्रत्याशी विनोद कुमार बिन्नी को हराया झिलमिल (शाहदरा) : कांग्रेस के पंकज जीते

बीजेपी के खाते में गए ये वॉर्ड शालीमार बाग नॉर्थ (शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र) : बीजेपी उम्मीदवार भूपेंद्र मोहन को 1451 वोटों से को मिली जीत वज़ीरपुर (वज़ीरपुर विधानसभा क्षेत्र) : बीजेपी उम्मीदवार महेंद्र नागपाल जीते नवादा (उत्तम नगर): नवादा में बीजेपी उम्मीदवार कृष्ण गहलोत 4000 वोटों से जीते।

निर्दलीय भाटी माइंस (छतरपुर): निर्दलीय राजेंद्र तंवर जीते
रविवार को सभी 13 वॉर्ड में शांतिपूर्ण मतदान हुआ। वोट का प्रतिशत 45.9 प्रतिशत रहा। इन सभी 13 वॉर्ड में से सबसे अधिक मतदान भाटी वॉर्ड में 64.36 प्रतिशत और सबसे कम 33 प्रतिशत मटियाला वॉर्ड में रहा। साल 2012 में दिल्ली नगर निगम के सभी 272 वार्डों पर उपचुनाव हुआ था। इसके बाद 2013 से 2015 तक पार्षदों के विधायक बन जाने की वजह से ये वार्ड खाली हो गए और दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को चुनाव कराने का आदेश दिया था। वैसे तो तीनों पार्टियां ही उपचुनाव में अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं लेकिन इतना तो तय है कि इन नतीजों से दिल्ली की राजनीति में नए बदलाव जरूर आएंगे।