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ईसाई समूहों ने मदुराई में हिन्दुओं के प्रसिद्ध शिव मंदिरों पर कब्जा करने की कोशिश की, मीडिया इस घटना को ढकने में जुटी

हाल ही में एक बड़ी आपत्तिजनक घटना को मोड़ देते हुए कुछ ईसाई समूह तमिलनाडु के प्रसिद्ध मंदिर कलैयार कोइल और शिवगंगाई मंदिर परिसर में प्रवेश कर के वहां की संपत्ति पे अपना दावा जताने लगे| जब सुबह बहुत सारे स्थानीय हिन्दू मंदिर में गये तो उन्होंने देखा की कुछ ईसाई समूह यीशु की प्रार्थना कर रहे है और उन्होंने हिन्दुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश नही करने दिया|इस पर हिन्दुओं को बहुत हैरानी हुई और उन्होंने तुरंत पुलिस और और हिन्दू मक्कल काची समूह जो हिंदू संरक्षण गतिविधियों में शामिल है उनको इस बारे में खबर दी| हिन्दू मक्कल काची समूह ने मौके पर तुरंत पहुंचकर ईसाई समूह से स्पष्टीकरण की मांग की,पर जब ईसाई समूह कोई दस्तावेज प्रदान करने में विफल रहा तो हिंदुओं ने उन्हें तुरंत मंदिर खाली करने के लिए कहा|

पर ईसाई समूह ने धमकी दी कि वे पुलिस को इसके खिलाफ शिकायत करेगा तो दोनों समूहों में झड़प शुरू होगयी|पुलिस ने ईसाई समूहों को चेतावनी देने के बजाय हिन्दू मक्कल काची के 11 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया|पुलिस द्वारा कुछ युवाओं को बेरहमी से पीटा गया और उन्हें किसी से बात करने से भी रोक दिया गया|

कलैयार कोइल मंदिर

शिवगंगाई मंदिर

इससे पुरे इलाके में हड़बड़ी मच गयी, क्षेत्र में भारी तनाव उत्पन्न हो गया और लोगों ने इसाईओं को मंदिर से निकालने के लिए कहा| हिंदू मक्कल के कार्यकर्ता के अनुसार ईसाईयों ने एक ही दिन में उनके दो मंदिरों में प्रवेश किया और मंदिरों की संपत्ति पर दावा किया जिससे साफ़ साबित होता है की ये सब एक साजिश के तहत किया गया है|

चौंकाने वाली बात तो ये है, मंदिर के पूरे प्रकरण को किसी भी मीडिया द्वारा या टीवी चैनल द्वारा दिखाया नहीं गया|और कोई भी ईसाइयों से उनके निर्दयी व्यवहार पर सवाल नही उठा रहा है| मदुराई के स्थानीय लोगों के अनुसार ये ईसाई मिशनरियों के षड्यंत्र का बहुत बड़ा हिस्सा है जो तमिलनाडु में कई मंदिरों पर कब्जा करके उन्हें चर्चों में परिवर्तित कर रहे है|यहाँ तक की इलाके में ये मिशनरियाँ निचले वर्ग के लोगों को पैसे का लालच देकर उनका जबरन रूपांतरण करवा रही है|लोगों को कहना है की ये घटनाएं बहुत आम हो गईं लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन इन समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई कभी नहीं करता है|

ईसाई समूहों द्वारा मंदिरों पर हमला ठीक उसके 2 दिन बाद किया गया है जब मदुराई के प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर में आग लगी थी| मीनाक्षी मंदिर भारत में और तमिलनाडु में चोला साम्राज्य द्वारा निर्मित मदिरों में से सबसे पुराना मंदिर है| आग के बाद मंदिर को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है और पूरे पूर्व प्रवेश द्वार को बंद कर दिया गया है।मंदिर का 1000 स्तंभ हॉल भी इसकी चपट में आगया है|

फिर से भक्तों द्वारा 3 फरवरी को हुए इस हादसे में अब तक ये पता नही चल पाया है की आग लगने का क्या कारण है|किसी मंत्री या MLA ने अभी तक जगह का दौरा नही किया है| आग को तुरंत तब पुलिस द्वारा रोका भी नही गया|  स्थानीय लोगों का दावा है कि यह कुछ दुर्वचारी लोगों का काम हो सकता है और पुलिस उन लोगों  को बचाने की कोशिश कर रही है|सूत्रों के मुताबिक,  मंदिर परिसर में पुराने शिलालेखों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है और लोग अपराधियों को पकड़ने की पुरुज़ोर मांग कर रहे है|

 

दो तीन दिनों के अंतराल में लगातार दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के एक साथ होने से लोग बेहद चिंतित है| मदुराई के लोगों और हिंदू मक्कल काची के अनुसार हिन्दुओं और उनके मंदिरों को कई सालों से विदेशी एजेंसियां द्वारा निशाना बनाया जा रहा है| प्रंतु कोई भी राजनैतिक दल वोट बैंक की वजह से इन मिशनरियों के खिलाफ बोलने के लिए हिम्मत नहीं करता है और ऊपर से उनका समर्थन करता है|

यदि अल्पसंख्यक पर कोई हमला होता हैं तो मीडिया गला फाड़ फाड़ कर चीखने लगती है पर अब जब हिन्दू मंदिरों पर हमला हुआ है तो उनके मुहं से एक शब्द नही निकल रहा है उल्टा वो इस पर पर्दा डालकर इसको ढकने की कोशिश कर रहे है|