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इस IPS अधिकारी को जबरन दी गई रिटायरमेंट, विवादों से रहा है पुराना नाता

नई दिल्ली। अपने कामों से ज्यादा विवादों के कारण सुर्खियों में रहने वाले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंदु कुमार भूषण को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सेवानिवृत्ति दे दी गई है. गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इंदु कुमार को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी हैं. राजस्थान में एक आईपीएस अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का यह अब तक शायद पहला मामला है. नवंबर 2017 में राजस्थान के आईपीएस अधिकारियों के प्रदर्शन का आंकलन करने के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है.29 मार्च की तारीख वाले आदेश में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने जनहित में भूषण को सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है.

विवादित बयान और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए है मशहूर
उल्लेखनीय है कि इंदु भूषण अपने विवादास्पद बयान और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण अक्सर सुर्खियों में रहे हैं. साल 1989 बैच के आईपीएस इंदु भूषण की सेवा के दौरान 5 बार एपीओ रहे हैं. इंदु पर इससे पहले बालश्रम करवाने का आरोप भी लगता रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कई बार बालश्रम पर काम करने वाले एनजीओ ने इंदु के घर पर छापेमारी करवाकर बच्चों को वहां से छुड़ाया है.

सेवा के दौरान पांच बार रहे एपीओ
अपनी सेवा के दौरान इंदु पांच पर एपीओ रहे हैं. पहली बार इंदू भूषण 5 फरवरी 1997 से 12 मई 1997 तक एपीओ बनाया गया था. इसके बाद 8 सितंबर 2005 से 16 दिसंबर 2005,  26 जुलाई 2013 से 5 जनवरी 2014 तक और इसके बाद वह 3 सालों में दो बार और एपीओ रह चुके हैं. फिलहाल भी एडीजी नियम के पद पर अंतिम बार काम करते हुए उन्हें एपीओ किया गया था.