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इस शख्स की एफआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया था एससी-एसटी ऐक्ट पर फैसला

पुणे। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एससी-एसटी ऐक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने के फैसले के बाद से देश भर में दलित समुदाय में उबाल देखा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एक सरकारी अफसर पर दर्ज एफआईआर को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया था। इस बीच अफसर पर एफआईआर कराने वाले महाराष्ट्र के भास्कर गायकवाड भी मानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ठीक नहीं था। गायकवाड कहते हैं कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे।

उनका आरोप है कि आरोपी पक्ष ने कोर्ट के सामने एफआईआर की कॉपी का गलत अनुवाद पेश किया। इस वजह से केस में ऐसा मोड़ आया। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को ‘भारत बंद’ बुलाया गया था, जब देश के अलग-अलग स्थानों पर हिंसा के कारण लगभग 12 लोगों की जान चली गई।

पुणे के कॉलेज ऑफ इंजिनियरिग में काम करने वाले गायकवाड ने कहा है कि एफआईआर में से कई ऐसी बातें जो शिकायत का मूल थीं, कोर्ट के सामने नहीं रखी गईं। उन्होंने बताया, ‘ओरिजिनल एफआईआर मराठी में थी। जब कोर्ट में उसका अनुवाद पेश किया गया तो उसमें शुरू के तीन पैराग्राफ गायब कर दिए, जिनमें यह स्पष्ट था कि शिकायत क्यों की जा रही है।’

यह था मामला
उन्होंने कहा कि वह कोर्ट में अगले हफ्ते कोर्ट में गलत दस्तावेज पेश करने के आधार पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया है कि कराड के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ फार्मेसी में कार्यरत रहते हुए उनसे तत्कालीन प्रिंसिपल ने कुछ घपला करने के बाद उनसे रेकॉर्ड्स दोबारा लिखने के लिए कहा। जब उन्होंने मना कर दिया तो उनकी सालाना गोपनीय रिपोर्ट में उनके खिलाफ टिप्पणी की गई।

उन्होंने दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। जब मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उनके वरिष्ठ अधिकारी से इजाजत मांगी तो इजाजत नहीं दी गई। इस पर उनके खिलाफ भी पुलिस में मामला दर्ज कर दिया गया।

मामला न्यायिक मैजिस्ट्रेट के पास पहुंचा तो आरोपी बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद आरोपियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए एससी/एसटी (अत्याचार से सुरक्षा) ऐक्ट में फेरबदल के आदेश दे दिए जिसके विरोध में सोमवार को ‘भारत बंद’ रहा।