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इंदौर में 3 जिंदगियों की खातिर बने 2 ग्रीन कॉरिडोर

kidneyइंदौर। मध्यप्रदेश में तीन जिंदगियों की खातिर दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। ब्रेन डेड विश्वास दोषी (40) के परिजनों की अंगदान की इच्छा पर एक गुर्दे को चोइथराम अस्पताल से ग्रेटर कैलाश अस्पताल ले जाया गया और लिवर प्रत्यारोपण के लिए हवाई मार्ग से मेदांता अस्पताल ले जाया गया। उज्जैन जिले के महिदपुर निवासी विश्वास दोषी (40) पिछले दो साल से हृदय की बीमारी से पीड़ित थे, उनका इंदौर स्थित मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। सोमवार शाम को मस्तिष्क में रक्तस्राव हो जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया।
उनके परिजनों द्वारा अंगदान की इच्छा जताए जाने पर विश्वास के शरीर को चोइथराम हॉस्पिटल ले जाकर अंग निकालने की व्यवस्था की गई। चोइथराम अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक, विश्वास के ब्लड ग्रुप के आधार पर दिल्ली में लिवर ट्रांसप्लांटेशन का एक मरीज और इंदौर में गुर्दे के दो मरीज मिले। इन अंगों को जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए सुबह चोइथराम अस्पताल से हवाईअड्डे और ग्रेटर कैलाश नर्सिंग होम के लिए दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। दोनों ही मार्गों पर अंग ले जाने वाली ऐम्बुलेंस को रास्ता देने के लिए लगभग आठ मिनट के लिए अन्य वाहनों की आवाजाही थम गई।

मेदांता अस्पताल की टीम हवाईअड्डे से एयर ऐम्बुलेंस के जरिए लिवर लेकर दिल्ली गई। वहीं एक गुर्दा ग्रेटर कैलाश अस्पताल में, जबकि दूसरा गुर्दा चोइथराम अस्पताल के एक मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। सूत्रों का कहना है कि विश्वास की दोनों आंखों को चोइथराम अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है। इंदौर में इससे पहले भी मानव अंगों को ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा चुके हैं।