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आसान आत्महत्या के लिए ऑनलाइन मंगाई कार्बन मोनोऑक्साइड

aatmahatya03नई दिल्ली। दर्दनाक मौत से बचने के लिए कार्बन मोनोऑक्साइड से आत्महत्या का अनोखा मामला सामने आया है। 25 साल के वेब डिजाइनर ने दर्दनाक मौत से बचने के लिए ऑनलाइन कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस खरीद कर इसका इस्तेमाल आत्महत्या के लिए किया। यह मामला 2015 का है। दिल्ली के इस युवक का पोस्टमॉर्टम एम्स में किया गया था। आत्महत्या के लिए कॉर्बन मोनोऑक्साइड का इस्तेमाल करने की रिपोर्ट अब तक पूरी दुनिया में कहीं भी नहीं है, इसलिए दिल्ली के इस केस को मेडिको लीगल जर्नल ने अपने ताजा अंक में पब्लिश किया है।

डॉ. सी. के. बेहेरा ने कहा कि कार्बन मोनोऑक्साइड ऐक्सिडेंटल डेथ की वजह तो बनता रहा है, लेकिन इसे लोग अब आत्महत्या के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं। एम्स के फरेंसिक डिपार्टमेंट के डॉ. बेहेरा ने बताया कि यह बिल्कुल अलग केस था। आत्महत्या नोट से पता चला कि युवक पेनलेस डेथ चाहता था। युवक ने लगभग एक हफ्ते पहले से इसकी प्लानिंग की थी। उसने पहले इंटरनेट से सर्च किया होगा और यह जानने की कोशिश की होगी कि किस प्रकार के आत्महत्या में पेन कम होता है और जान जाने की संभावना ज्यादा होती है। इस युवक ने मौत से पांच दिन पहले ऑनलाइन कार्बन मोनोऑक्साइड सिलिंडर खरीदा। उसने सिलिंडर खरीदने के पीछे कारण एनवायरनमेंट रिसर्च बताया।

डॉक्टर ने कहा कि जिस दिन उसने आत्महत्या की, उस दिन उसने खुद को पहले बाथरूम में बंद किया। पॉलीथिन के एक बड़े बैग से खुद को इस तरह से ढक लिया कि मुंह अंदर आ जाए। फिर उसके अंदर कॉर्बन मोनोऑक्साइड गैस के सिलिंडर का पाइप पॉलिथीन के अंदर कर गैस ऑन कर दिया, जिससे कुछ ही देर में वह बेहोश हो गया, फिर बाद में उसकी मौत हो गई। यह एक रेयर मामला था। इंटरनेट के बढ़ते यूज की वजह से लोग ऐसे तरीके यूज करने लगे हैं।
डॉक्टर ने कहा कि भारत जैसे देश में पहले जहर से खुदकुशी के मामले देखे जाते थे, लेकिन इसमें दर्द होता है और कभी-कभी बचने की संभावना होती है। इसलिए अब लोग फांसी लगाकर ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं। इंटरनेट ने लोगों को आत्महत्या के नए-नए ऑप्शन खोल दिए हैं। लोग कंफर्म और पेनलेस डेथ के लिए प्लान करते हैं। जो आत्महत्या करते हैं, निश्चित रूप से ऐसे लोग स्वस्थ नहीं होते हैं, उनमें मानसिक तौर पर कोई कमी होती है।