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आवास विकास परिषद के इंजिनियरों ने झाड़ू-पोंछा कर गुजारा करने वाली महिला को भी ठगा

pd logलखनऊ। आवास विकास परिषद के इंजिनियरों ने आम्रपाली योजना के मकानों पर कब्जा देने में झाड़ू-पोंछा कर गुजारा करने वाली महिला को भी ठग लिया। इंजिनियरों ने गरीब महिला को वह मकान आवंटित कर दिया, जो पहले से किसी दूसरे के कब्जे में था।
आरोप है कि इंजिनियरों ने इस योजना में ऐसे दर्जन भर मकान अपने स्तर पर ही बेच डाले। इन मकानों में लोग रहने लगे हैं, लेकिन इनकी किस्त परिषद के खाते में नहीं जमा हो रही।

हरदोई रोड स्थित आम्रपाली योजना के तहत वाल्मीकि अम्बेडकर योजना में मकानों का कब्जा देने में धांधली के आरोप लग रहे हैं। ऐसा ही मामला पुराने लखनऊ में रहने वाली राजरानी का भी है। परिषद के इंजिनियरों ने साल 2012 में राजरानी को जिस मकान का कब्जा दिया, वह पहले ही किसी को आवंटित था। राजरानी कब्जा-पत्र लेकर मौके पर गई, तब उसे इसका पता चला।

मकान में किसी और को रहता देख महिला ने अफसरों से शिकायत की। इस पर इंजिनियरों ने खुद को बचाने के लिए नई चाल चली। महिला से एफआईआर करवा दी कि उसके मकान का ताला तोड़कर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। इससे इंजीनियर किसी दूसरे के कब्जे वाला मकान आवंटित करने के आरोप से बच गए, लेकिन महिला की मुश्किल बढ़ गई। बाद में एफआईआर की सलाह देने वाले इंजिनियरों ने ही पुलिस जांच का हवाला देकर मदद से इनकार कर दिया।

राजरानी चार साल से आवास विकास परिषद के खाते में मकान की किस्त जमा कर रही हैं। उनके पास आवंटन-पत्र से लेकर किस्त जमा करने के सभी सुबूत हैं। वह इस मामले की शिकायत आवास विकास कमिश्नर से लेकर उपाध्यक्ष तक से कर चुकी हैं।

वहीं आवास विकास परिषद के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह ने इस मामले में जवाब-तलब भी किया है। सूत्रों के मुताबिक आम्रपाली योजना में करीब दर्जन भर ऐसे मकान हैं जो इंजिनियरों ने अपने स्तर पर ही बेच दिए हैं। मामले की जांच कर महिला को न्याय दिलाने की बात कही है।