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आर्मी चीफ दलबीर सिंह के पिता ने कहा, बेटे ने सर्जीकल स्ट्राइक के बाद सीना चौड़ा कर दिया

army-chief-dalbir-singh-suhagनई दिल्ली। सरहद पर ड्यूटी करते हुए मेरे तो हाथ बंधे थे लेकिन बेटे ने सैनिकों के हाथ खोलकर पाक को सबक सिखाया तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया. यह कहना है इंडियन आर्मी चीफ दलबीर सुहाग के पिता रिटायर्ड सूबेदार रामफल सुहाग का. पीओके में आतंकी कैंप पर इंडियन आर्मी की सर्जीकल स्ट्राइक पर बात करते हुए वे भाविक हो गए. साल 1962, 1965, 1971 की लड़ाई लड़ चुके है.

अपने कार्यकारल की घटना का जिक्र करते हुए रामफल सुहाग ने कहा कि मैं साल 1971 मे पंजाब के फाजिल्का बॉर्डर के बांध पर तैनात था. उस दौरान पाक सैनिक कई बार छीटाकशी करते हुए पाक सैनिक बोलते ते कि तुम फायर नही कर सकते हुम्हारे आदेश दिल्ली से आएगें और हम अपने आदेश अपनी जेब मे रखते है. लेकिन अब उड़ी हमले के जवाब के बाद भारतीय जवानों की तरफ से जो सर्जीकल स्ट्राइक की गई तो पता चला कि इंडियन आर्मी के आदेश बंदूक के ट्रिगर की अंगुली पर आ चुके है.

रि. सूबेदार रामफल ने बताया कि उनके बेटे दलबीर को बचपन से ही सेना में जाने का शौक था. वो बताने है कि मैने बेटे से कहा था कि दुश्मन को पीठ नही छाती दिखाना. अब जब सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए बेटे ने पाकिस्तान को ईट का जवाब पत्थर से दिया है. तो में प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री  और गृहमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि उनके इस कदम से सेना का मनोबल मजबूत होगा. गौरतलब है कि भारतीय सेना के 125 पैरा कमांडोज ने कुछ दिन पहले एलओसी पारकर 7 आतंकी कैंप पर सर्जीकल स्ट्राइक किया था. जिसमें कब्जे वाले कश्मीर में 3 किमी अंदर तक घुस गए और 38 आतंकी मार गिराए थे.

दलबीर सुहाग की मां र्इशरी देवी ने बताया कि दलबीर ने 1974 में सैना की नौकरी जॉइन की थी. आर्मी चीफ की छोटी बहन सुनीता देवी ने भी कहा कि उनके भाई पर हर देशवासी गर्व महसूस कर रहा है. पूरे देश के लोग झज्जर जिले के लोग भी सर्जी कल स्ट्राइक की खुशी मना रहे है और आर्मी चीफ के घर पर बधाई दने वालो की लाइन लगी है.