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आर्थिक सर्वे 2016: पीएम नरेंद्र मोदी की ‘अमीरों’ वाली बात पर गंभीर रुख

parliament jetनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने अमीरों को मिलने वाली कर छूट का मामला उठाया था और अब संसद में पेश वित्त वर्ष 2015-16 की आर्थिक समीक्षा में भी इस पर काफी गंभीर रुख दिखा है। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि सरकार की कई ऐसी नीतियां हैं, जिससे गरीबों के साथ-साथ अमीर वर्ग को भी अच्छा-खासा फायदा मिलता है। रिपोर्ट्स में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सोमवार को पेश होने वाले बजट में भी इस मुद्दे की अहमियत दिखेगी।

सर्वे में कहा गया है कि सरकार के कई कदम ऐसे हैं, जिससे समाज के समृद्ध तबके को लाभ होता है। कई मामलों में यह सहायता स्पष्ट रूप से सब्सिडी का रूप ले लेती है, जिसकी मात्रा काफी अधिक हैं। इसमें कहा गया है कि राजकोषीय और आर्थिक कल्याण संबंधी दृष्टिकोण से इनमें सुधार करना बेहतर होगा। इसके मुताबिक, समृद्धों को करीब 1 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी देने और छोटी बचत योजनाओं के प्रोत्साहन से सरकारी पैसे का अधिक दुरूपयोग होता है।

बता दें कि पीएम मोदी ने पिछले महीने गरीबों को मिलने वाली सब्सिडी और अमीर लोगों को मिलने वाली कर छूट की तुलना की थी। उन्होंने कहा था, ‘जब किसानों या गरीबों को फायदा दिया जाता है तो विशेषज्ञ और सरकारी अधिकारी इसे आम तौर पर सब्सिडी कहते हैं। लेकिन जब इसका फायदा उद्योग या वाणिज्य को मिलता है तो उसे सामान्य रूप से ‘प्रोत्साहन’ या ‘सहायता’ कहते हैं। हमें खुद से यह पूछना चाहिए कि क्या भाषा में यह अंतर हमारे व्यवहार में भी झलकता है?’

संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक सर्वे में अमीरों को मिलने वाले इस फायदे पर पीएम मोदी के तंज पर काफी गंभीर रुख देखने को मिला। सर्वे में कहा गया है कि कर प्रोत्साहन पर आधारित नीतियों से सबसे ऊपर का तबका भी लाभान्वित हो रहा है। इसमें 7 क्षेत्रों, पीपीएफ समेत लघु बचत योजना, केरोसीन, रेल भाड़ा, बिजली, एलपीजी सिलेंडर और विमान ईंधन (एटीएफ) में दी जा रही सब्सिडी (छूट और प्रोत्साहन) का जिक्र हुआ। इसमें कहा गया कि इनसे बड़ी संख्या में संपन्न वर्ग के लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं। सर्वे में कहा गया है कि टैक्स राहत या सब्सिडी से ऐसे लोगों को भी करीब 1 लाख करोड़ रुपये का फायदा हो रहा है।

समीक्षा में इस बारे में विस्तार से बताया गया है कैसे सब्सिडी योजना से अमीर वर्ग को फायदा मिल रहा है। उदाहरण के लिए इसमें कहा गया है कि एलपीजी ग्राहकों को (जनवरी 2016 की स्थिति के अनुसार) 14.2 किलो के सिलेंडर पर 238.51 रुपये की सब्सिडी मिल रही है। यह सब्सिडी दर का 36 फीसदी (बाजार मूल्य एवं सब्सिडी की राशि का अनुपात) है। इसमें से 91 फीसदी सब्सिडी समृद्ध लोगों को मिलती है, क्योंकि कुल खपत में उनकी हिस्सेदारी करीब 91 फीसदी है। इसमें कहा गया है कि रसोई गैस की सब्सिडी का केवल 9.0 फीसदी हिस्सा ही गरीबों को जाता है।

सर्वे में अमीर वर्ग को मिलने वाली सहायताओं के बारे में कहा गया है कि कई मामलों में यह स्पष्ट रूप से सब्सिडी का रूप ले लेती है, जिसकी मात्रा काफी अधिक हैं। इसमें कहा गया है कि राजकोषीय और आर्थिक कल्याण संबंधी दृष्टिकोण से इनमें सुधार करना बेहतर होगा।