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आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्‍व को पंजाब इकाई के कार्यकर्ताओं ने कहा हमारे अंगने में तुम्‍हारा क्‍या काम है

नई दिल्‍ली।  देश में हुए पांच राज्‍यों के चुनाव में जहां यूपी और उत्‍तराखंड में भाजपा पर ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के आरोप लगे वहीं पंजाब में हार के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मंथन बैठक की। इसमें अपनी ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्‍व पर चोट करते हुए पंजाब इकाई के कार्यकर्ताओं ने कहा हमारे अंगने में तुम्‍हारा क्‍या काम है। पार्टी के कामकाज में दिल्ली का दखल तुरंत बंद हो। पार्टी राज्य में अपने फैसले खुद लेगी। पंजाब में अपनी सरकार बनाने का मंसूबा पाले आप को यहां करारी हार का सामना करना पड़ा और पार्टी को दूसरे स्‍थान पर संतोष करना पड़ा। वहीं पार्टी को कई स्‍थानों पर तीसरे स्‍थान पर समेट दिया गया। इस करारी हार के लिए उम्मीदवारों ने दिल्ली से आए पार्टी ऑब्जर्वरों और नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है।

मंथन के बाद पार्टी के पंजाब कन्वीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच ने कहा कि पार्टी के उम्मीदवारों और विधायकों ने एक ही राय दी है कि पार्टी पंजाब में अपने फैसले खुद ले। दिल्ली लीडरशिप की दखलंदाजी बंद हो। हम पार्टी को मजबूत बनाने के लिए संगठन में तब्दीलियां करने जा रहे हैं। हर हलके की अपनी लोकल लीडरशिप तैयार की जाएगी। जालंधर कैंट से उम्मीदवार एचएस वालिया के निवास में हुई मीटिंग में एक-एक कर सभी ने हार और जीत के कारणों पर अपने विचार रखे, लेकिन अधिकतर ने एक स्वर में कहा कि दिल्ली वालों का चुनाव में सारे निर्णय लेना और सीएम का चेहरा न होना हार का सबसे बड़ा कारण बना। अगर कुछ फैसले समय रहते ले लिए जाते तो यह हालात नहीं होते।

पार्टी के स्टार प्रचारक भगवंत मान ने बताया कि पार्टी ओवर कॉन्फिडेंट थी। अति उत्साह में चूक के कारण हम हारे। उधर,  पार्टी की पंजाब एक्टीविटी से फिलहाल संजय सिंह,  दुर्गेश पाठक और दिल्ली से आए हलकों के निरीक्षक लौट चुके हैं। हार की समीक्षा भी पंजाब की लीडरशिप ने खुद ही की है। चार महीने तक पंजाब में लोकल बॉडीज के चुनाव हैं। इन्हें लेकर पंजाब लीडरशिप कैसे टिकटें बांटती है और क्या फैसले लेती है,  इससे पार्टी के अगली लाइन ऑफ एक्शन का सीन साफ होगा