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आफत में लालू परिवार, जानें पत्नी, बेटी-बेटा सहित किस पर क्या-क्या हैं आरोप?

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सीबीआई का शिकंजा कसने के बाद अब लालू का परिवार राजनीतिक तौर पर अपने एक और मुश्किल दौर से गुजर रहा है.

चारा घोटाले को लेकर केस जारी है, इस बीच दान में मिली जमीन जी का जंजाल बन चुकी और अब सीबीआई के छापे से लालू का पूरा परिवार बड़ी मुसिबत में फंसता दिख रहा है. बेटी मीसा और दामाद शैलेश कुमार सहित अब पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी पर भी आफत आ गई है. आज सीबीआई ने लालू के 12 ठिकानों पर छापेमारी की है. लालू पहले ही बेनामी संपत्ति के आरोपों से घिरे हैं.

लालू यादव-तेजस्वी यादव (होटल आवंटन में गड़बड़ी का आरोप)

लालू प्रसाद यादव के पटना और दिल्ली सहित 12 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी की है. यह छापेमारी लालू यादव के दिल्ली, पटना, रांची, भुनेश्वर, गुरुग्राम और पुरी के ठिकानों पर की गई है. लालू यादव पर साल 2006 में केंद्रीय रेल मंत्री रहते हुए होटल आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगा है. इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसके अलावा लालू के सहयोगी प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता, विजय कोचर, विनय कोचर, पटना में सुजाता होटल्स के दोनों डॉयरेक्टर, डिलाईट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (लारा प्रोजेक्टस) और आईआरसीटीसी के पूर्व एमडी सहित कई लोगों के ऊपर सीबीआई ने पांच जुलाई को एफआईआर दर्ज की है.

तेज प्रताप- (दान में जमीन मिलने का आरोप)

सुशील मोदी ने खुलासा किया कि बीजेपी सांसद रमा देवी ने लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप को जमीन दान में दी थी. लगभग 13 एकड़ जमीन 1992 में तेज प्रताप यादव को दान में दी गई. जिस वक्त ये दान दिया गया उस वक्त तेज प्रताप की उम्र महज 3 साल 8 महीने थी. ये जमीन सेवा के नाम पर दी गई. दी गयी जमीन बिहार के मुजफ्फरपुर के मौजा किशुनगंज, थाना कुढ़नी में पड़ती है.

लालू यादव- (चारा घोटाले का आरोप)

900 करोड़ रुपये का चारा घोटाला 1990 के दशक में सामने आया था. उस वक्त लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे.  चारा घोटाले में लालू के खिलाफ कुल पांच केस चल रहे हैं, जिसमें करीब दो सौ करोड़ के घोटाले का आरोप लालू पर है.  एक मामले में लालू यादव को जेल की सजा भी हो चुकी है. यह घोटाला सन 1990 से लेकर सन 1997 के बीच हुआ था. इस घोटाले में कई अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं. इसके साथ ही कई आरोपी तो अब इस दुनिया में भी नहीं. हाल ही में इस मामले में लालू रांची की सीबीआई कोर्ट में पेश हुए थे. चारा घोटाले में ही लालू को 1997 में बिहार का सीएम पद छोड़ना पड़ा था.

लालू यादव- (1000 करोड़ की बेनामी समपत्ति का आरोप)

एक हजार करोड़ की बेनामी समपत्ति के मामले में 16 मई को आयकर विभाग ने लालू के 22 ठिकानों की छापेमारी की थी. आयकर विभाग ने दिल्ली, गुड़गांव के इलाकों में छापेमारी की थी. छापेमारी कटियार फैमिली, कोचर फैमिली और सांसद प्रेमचंद गुप्ता के बेटों के ठिकानों पर गई थी. लालू परिवार पर मिट्टी घोटाला, पेट्रोल पंप घोटाला, काम के बदले जमीन कब्जा करना, अरबों की बेनामी संपत्ति बनाने जैसे घोटाले का आरोप लगा है.

राबड़ी देवी- (18 फ्लैट्स की मालकिन)

बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने लालू की पत्नी राबड़ी देवी पर आरोप लगाया था कि वह 18 फ्लैट्स की मालकिन हैं. सुशील मोदी ने दावा किया था कि ये 18 फ्लैट कुल 18,652 स्क्वायर फीटर में बने हैं जिनकी वे मालकिन है. इन फ्लैट्स की आज की कीमत 20 करोड़ रूपए से ज्यादा है. राबड़ी देवी ने ये जमीन लालू यादव के रेल मंत्री और अपने सीएम रहते अपने नाम लिखवायीं थीं.

तेज प्रताप यादव- (मिट्टी घोटाले का आरोप) 

लालू यादव के बेटे और नीतीश सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव पर मिट्टी घोटाले का आरोप लग चुका है. आरोप है कि तेज प्रताप यादव ने अपनी ही जमीन की मिट्टी पटना चिड़िया घर को नब्बे लाख रुपये में बेच दी थी. पटना चिड़िया घर वन विभाग के अंदर आता है जिसके मंत्री तेज प्रताप यादव हैं. ये आरोप बीजेपी नेता सुशील मोदी ने लगाया था.

बेटी मीसा और दामाद शैलेश- (करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप)

मीसा भारती और उनके पति शैलेश पर आरोप है कि शैल कंपनियों के जरिए आने वाले पैसों से उन्होंने दिल्ली में फार्म हाऊस खरीदे साथ ही एक अन्य कंपनी केएचके के भी शेयर खऱीदे जिससे उनके पास एक और फार्म हाऊस आ गया. आयकर विभाग को शक है कि ये बेनामी संपत्तियां हैं. इस मामले में पिछले महीने आयकर विभाग मीसा भारती से पूछताछ कर चुका है.