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आखिरी वार: मोसुल में फंसा बगदादी! चूहों की तरह भाग रहे ISIS आतंकी

mosulमोसुल (इराक)। पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बन चुके आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ निर्णायक जंग शुरू हो चुकी है। इस्लामिक स्टेट के गढ़ माने जाने वाले इराक के मोसुल में पश्चिमी फौजों के अलावा इराकी और कुर्दिश बल घुस चुके हैं। आईएसआईएस से इस आखिरी मोर्चे पर जंग को बेहद अहम माना जा रहा है। मोसुल के निवासियों का कहना है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकी आम नागरिकों का इस्तेमाल ढाल के तौर पर कर रहे हैं। पूरी तरह से घिर चुके आतंकी स्थानीय लोगों को वहां से भागने भी नहीं दे रहे। वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने माना है कि यह जंग ‘बदतर’ हो चली है। अमेरिका अफसरों को आशंका है कि आखिरी पलों में आतंकी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

बगदादी भी फंसा!
पश्चिमी मीडिया के कई रिपोर्ट्स में इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर इस बात की पुष्टि की गई है कि आईएसआईएस का सरगना अबू बकर अल बगदादी भी अपने सैकड़ों कमांडरों के साथ मोसुल में घिर चुका है। आतंकियों के गढ़ से महज 12 किमी दूर रह गई हमलावर सेना बेहद सतर्क होकर आगे बढ़ रही है। आतंकियों ने रास्तों में बम बिछा रखे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट के सबसे बड़े लड़ाके इस वक्त मोसुल में ही अपने सुप्रीम कमांडर के साथ मौजूद हैं।

मोसुल में 10 लाख आम नागरिक
मोसुल में 4,000 से 8,000 ISIS आतंकवादियों हो सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का अंदाजा है कि मोसुल में करीब 10 लाख आम नागरिक फंसे हो सकते हैं। इस्लामिक स्टेट को जड़ से खत्म करने की दिशा में इन लोगों की मौजूदगी बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। मोसुल में चल रही लड़ाई आने वाले दिनों में और भयानक होने की उम्मीद है। इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने वहां रह रहे लोगों से शहर छोड़कर भागने की अपील की है।

फूंक-फूंक कर कदम रख रही सेना
अमेरिकी अधिकारी इस बात से राहत की सांस ले रहे हैं कि आतंकियों की केमिकल हथियार विकसित करने की क्षमता बेहद सीमित है। वहीं, अमेरिकी सुरक्षा बल किसी केमिकल हमले की आशंका में नियमित तौर पर आतंकियों के गोला बारूद के सैंपल चेक कर रहे हैं। आईएस आतंकियों द्वारा सल्फर मस्टर्ड गैस के इस्तेमाल की बात सामने आ चुकी है।

जंग के लाइव टेलिकास्ट पर विवाद
कई चैनल मोसुल में जारी खूनी जंग की फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं। ब्रिटिश चैनल 4 भी ऐसा करने वालों में शामिल है। सोशल मीडिया ने आरोप लगाया है कि चैनल जंग को मनोरंजन के तौर पर पेश कर रहे हैं। बहुत सारे लोग लाइव विडियो पर आ रहे लाइक और स्माइली की वजह से भी नाराज हैं। हालांकि, चैनल 4 ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। चैनल का कहना है कि वह अपने वक्त की सबसे बड़ी खबर को लोगों के सामने उसी रूप में बेहद सावधानी के साथ रख रहे हैं।

चूहों की तरह भाग रहे आतंकी
उधर, एक सैनिक के शरीर में लगे कैमरे में कैद हुई फुटेज से मोसुल में हो रही लड़ाई की खौफनाक तस्वीरें सामने आई हैं। एक कुर्दिश लड़ाके ने इसे भयानक गोलीबारी और बम धमाकों के बीच खुले मैदान में भागते समय रिकॉर्ड किया। इस विडियो में ISIS के आतंकी ‘चूहों की तरह इधर-उधर भागते और हमले करते’ हुए नजर आ रहे हैं। शहर में खुदी हुई कई सुरंगों से निकलकर वे अचानक ही सैनिकों पर आत्मघाती हमला कर देते हैं। विडियो इराक के एक टीवी स्टेशन ने जारी किया। इसमें इराकी और सहयोगी देशों के सैनिक मोसुल शहर के पास खाजेर में आतंकियों के साथ लड़ते हुए दिख रहे हैं। विडियो में इराकी सैनिक एक इमारत में घुसने के लिए दौड़ते हुए दिखे और वहां पहुंचकर उन्होंने आतंकियों हमला करना शुरू कर दिया।

तेल के कुओं में लगाई आग
हवाई बमबारी से बचने के लिए ISIS के आतंकियों ने तेल के कुओं में आग लगा दी है। इसकी वजह से आसमान धुएं से भर गया और हवाई हमला करना मुश्किल हो गया है। इराकी फौज को मोसुल की ओर बढ़ने से रोकने के लिए ISIS सोमवार से ही कार बम हमले और तेल के कुओं में आग लगाने जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर रहा था। विडियो को देखकर लगता है कि इन चुनौतियों को पार करने में सैनिकों को कामयाबी मिल गई है। वहीं, ISIS ने एक दिन में 12 आत्मघाती हमले करने का दावा किया है। बता दें कि इराकी सेना ने निर्णायक सैन्य अभियान के शुरू होने के 24 घंटों के भीतर ही मंगलवार को मोसुल के बाहरी इलाके में बसे करीब 20 गांवों को अपने कब्जे में ले लिया।

अभी भी लग सकता है काफी वक्त
इराकी सेना के मुताबिक, सुन्नी कबीलों के लड़ाके और कुर्दिश पेशमेरगा के जवान पहले शहर को चारों ओर से घेरने की कोशिश करेंगे। इसके बाद ISIS को बाहर खदेड़ने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। मंगलवार को इस लड़ाई में ब्रिटिश लड़ाकू विमानों की भूमिका काफी अहम साबित हुई। जेट विमानों ने ISIS की पोजिशन्स को निशाना बनाकर बमबारी की। हमले में 40,000 से ज्यादा इराकी और कुर्दिश सैनिक शामिल हैं। इन्हें अमेरिका के नेतृत्व में गठित 60-देशों से आसमान और जमीन दोनों पर ही मदद मिल रही है। माना जा रहा है कि मोसुल को जीतना काफी चुनौतीपूर्ण साबित होगा और इस अभियान में महीनों लग सकते हैं।