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…अौर अब भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा

manzilलखनऊ । बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती के बारे में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नेता दयाशंकर की गलतबयानी के बाद दोनो दलों में चल रही तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही। इस मामले में एक और मामला जुड़ गया जब “बेटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में” नारे के साथ 23 जुलाई को प्रदर्शन करने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा लिख लिया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी ने आज यहां बताया कि प्रदर्शन और जाम करने की अनुमति नहीं लिए जाने की वजह से हजरतगंज और कैसरबाग थाने में भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस कानून सम्मत काम करेगी। बसपा नेताओं ने बिना अनुमति के प्रदर्शन किया था तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया, अब भाजपा ने भी वही गलती की है तो इनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हो गया।

दोनो मामलों में विवेचना और कार्रवाई होगी। हाई प्रोफाइल इस प्रकरण की शुरुआत भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के 19 जुलाई को मऊ में प्रेस कान्फ्रेंस से शुरु हुई। सिंह ने बसपा अध्यक्ष मायावती के बारे में अभद्र टिप्पणी कर दी थी। बीस जुलाई को सुश्री मायावती ने इस मामले को राज्यसभा में उठा दिया। दूसरे दिन ही लखनऊ में बसपा ने प्रदर्शन कर दयाशंकर सिंह के साथ ही उनके परिवार वालों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी। बसपा के मेवालाल गौतम ने सिंह के खिलाफ हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी।

इस टिप्पणी के खिलाफ दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह मैदान में कूद पड़ीं। उनकी सास तेतरा देवी ने 22 जुलाई को सुश्री मायावती और उनकी पार्टी के तीन नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। इसी बीच बिना अनुमति के 21 जुलाई को प्रदर्शन और रोड जाम करने वाले बसपा नेताओं के विरुद्ध पुलिस ने हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया।
उसी आधार पर प्रदर्शनकारी भाजपा नेताओं के खिलाफ भी लखनऊ के दो थानों में मामला दर्ज हो गया।
हाई प्रोफाइल इस मामले में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भी बयान आये, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती एक ओर से स्वयं पक्षकार हैं।