Breaking News

अरविंद केजरीवाल का ये वीडियो उनकी पोल खोल रहा है, अंकित और अखलाक का फर्क

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बारे में क्या कहा जाए, शायद वो ये समझ नहीं पा रहे हैं कि कैसी राजनीति करनी है या फिर वो तुष्टिकरण की राह पर चल निकले हैं, उनको समझ नहीं आ रहा है कि लाशों का धर्म नहीं होता, वो केवल लाश होती हैं, अंकित और अखलाक का फर्क दिल्ली की जनता के साथ साथ पूरा देश देख रहा है, दिखा केजरीवाल रहे हैं, कोई कारण नहीं है कि केजरीवाल अंकित सक्सेना के परिवार को मुआवजे का एलान भरी सभा में नहीं कर सकते थे, उस से भी गलत बात ये है कि मुआवजे के नाम पर अंकित की उठावनी सभा से उठ कर चल देना। ये दोनों काम केजरीवाल ने किए हैं, आम आदमी पार्टी के कट्टर से कट्टर समर्थक को इस बात से दुख हुआ होगा, भले वो सामने कुछ ना कहे।

दिल्ली में अंकित सक्सेना की जिस तरह से तालिबानी अंदाज में हत्या की गई थी, उस पर केजरीवाल ने काफी देर से बयान दिया,  गुड़गांव में बच्चों की स्कूल बस पर पथराव के कारण रात भर सो नहीं पाने वाले केजरीवाल को दिल्ली में एक नौजवान की बीच बाजार गला रेत कर हत्या कर देने के मामले में केजरीवाल शांत रहे। अब जब अंकित की उठावनी की रस्म में पहुंचे तो उनसे मुआवजे को लेकर सवाल किया गया, इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने जो किया उसे राजनति तो कतई नहीं कहते हैं, अंतिक के परिजनों ने मुआवजे को लेकर सवाल किया तो केजरीवाल बोले कि वो नहीं चाहते हैं कि राशि को लेकर यहां पर किसी भई तरह का कोई विवाद हो।
केजरीवाल के इस वीडियो को कपिल मिश्री ने ट्वीट किया, आरोप लगाया कि वो धर्म देख कर मुआवजा बांटते हैं, एमएम खान के परिजनों को एक करोड़ रूपये देने का एलान मीडिया में करने वाले केजरीवाल अंकित के मुद्दे पर विवाद से बचने की कोशिश करते हैं, सवाल तो खड़े होंगे ही, सवालों से केजरीवाल कहां तक बचेंगे, वो उठावनी से उठकर जाने लगे तो पीछे से आवाजें दी जाने लगीं, कि बता तो दो, परिवार के जीवन यापन का सवाल है, मिस्टर केजरीवाल की आवाज लगती रही है मुख्यमंत्री निकल गए। पीछे रह गया अंकित का परिवार जिसे शायद इस बात का अफसोस हो रहा होगा कि वो एक खास समुदाय से क्यों नहीं है, कम से कम मुख्यमंत्री इस तरह से उठकर नहीं जाते और सीना ठोंक कर मुआवजे का एलान करते।
अंकित सक्सेना की उठावनी की रस्म में केजरीवाल के साथ कई और नेता भी पहुंचे थे। बाद में अंकित के पिता ने बताया कि वो केजरीवाल से केवल इतना कहना चाहते थे कि वो उनके साथ गेम ना करें, उनके आआझ ळघआए खए भआध भी केजरीवाल वहां से भाग गए, वो रुके ही नहीं, जैसे उनको डर था कि लोग पीछे ना पड़ जाएं और उनकी पल ना खुल जाए, क्योंकि मुआवजे के सवाल पर केजरीवाल का फंसना तय है, अगर वो एक करोड़ से कम की राशि देते हैं तो फंसेंगे, नहीं देते तो फंसेंगे, बेंचमार्क तो केजरीवाल ने ही सेट किया है, क्या मुआवजे के सवाल पर केजरीवाल इस लिए खामोश रहे क्योंकि इस बार जिस पर आरोप लगा है वो एक खास समुदाय के लोग हैं, जो वोटबैंक माने जाते हैं। हालांकि बाद में आम आदमी पार्टी की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया, और कहा गया कि अंकित के परिवार वालों को कोई भी जरूरत होगी तो सरकार मदद करेगी। मुद्दा ये है कि भरी सभा में लोगों के बीच मुआवजे का एलान करने से केजरीवाल क्यों डर रहे थे।

SHOCKING!!!
अंकित सक्सेना के पिता जी को सुनिए –
“मिस्टर केजरीवाल, मुझ गरीब के साथ गेम मत खेलो।”

Kejriwal insulted and walked out when father of wanted to talk to him.

जिस बाप के जवान बेटे की हत्या हुई, वो बुलाते रहे और केजरीवाल उठ कर चल दिए।