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अनंतनाग हमला: रक्षा मंत्री जेटली ने बताया कायरना हरकत, DGP ने कहा- जल्द अपने अंजाम तक पहुंचेंगे दोषी

श्रीनगर/नई दिल्ली/हैदराबाद। अनंतनाग में पुलिस दल पर आतंकियों के घात लगाकर किए गए हमले में एसएचओ समेत 6 पुलिसवालों की शहादत पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक एस.पी. वैद ने कहा है कि गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों को जल्द ही उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि कार्रवाई जरूर और जल्द होगी।

वैद ने कहा, ‘दोषियों को पकड़ा जाएगा और जल्द ही वे कानून का सामना करेंगे। ऐक्शन लिया जाएगा और उसके नतीजे भी दिखेंगे। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को बशीर लशकारी की अगुवाई में लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया है। हम उसे जल्द ही ट्रैक करेंगे और इंसाफ सुनिश्चित करेंगे।’ उन्हों ने कहा कि लशकारी ने काफी नजदीक से गोलियां चलाई जिस वजह से शहीदों के पार्थिव शरीर विकृत हुए।

अनंतनाग हमला कायराना हरकत: जेटली
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी अनंतनाग हमले की निंदा की है। उन्होंने शनिवार को कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में 6 पुलिसकर्मियों को मारना एक कायरतापूर्ण कृत्य है। जेटली ने ट्वीट कर कहा, ‘अचबल में आतंकवादियों द्वारा 6 पुलिसकर्मियों को मारना एक कायरतापूर्ण कृत्य है। शोक संतप्त परिवारों को मेरी संवेदना। शहीदों को सलाम।’

कश्मीर में सुरक्षाबल कर रहे बड़ा काम: आर्मी चीफ
इस बीच सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने हैदराबाद में कहा कि कश्मीर में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना एक बड़ा कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के हालात को उस तरह नहीं देखा जाना चाहिए जैसा कि पेश किया जा रहा है और सुरक्षाबल घाटी में आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं।

अलगाववादियों ने बुलाया घाटी बंद
इस बीच अलगवावादियों ने शुक्रवार को सुरक्षा बलों की फायरिंग में 2 सिविलियंस के मारे जाने के खिलाफ शनिवार को एक दिन के बंद का आह्वान किया। इसके मद्देनजर समूची घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दरअसल एक दिन पहले सेना, सीआरपीएफ और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने संयुक्त अभियान चलाकर दक्षिण कश्मीर के बिजबेहड़ा इलाके में स्थित अरवानी गांव में लश्कर कमांडर जुनैद मट्टू और उसके एक साथी निसार अहमद को मुठभेड़ में मार गिराया था। जिस समय मुठभेड़ चल रही थी उस दौरान बड़ी तादाद में पत्थरबाजों ने सुरक्षाबलों पर पत्थर चलाकर उनके अभियान में बाधा डालने की कोशिश की थी। पत्थरबाजों को भगाने के लिए सुरक्षा बलों को फायरिंग करनी पड़ी।