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अखिलेश जी से मेरा कोई मुकाबला नहीं है, वह हमारे नेता हैं : अपर्णा यादव

अपर्णा यादव को ज्यादातर लोग सिर्फ मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू के तौर पर जानते हैं. लेकिन वह मैनचेस्टर युनिवर्सिटी से पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशंस में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं और ट्रेंड क्लासिकल सिंगर भी. अब वह लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार भी हैं.

अपर्णा यादव ने बताया कि मुझे चुनाव लड़ने के बारे में सबसे पहले खुद नेता जी ने कहा था. मैंने उनसे कहा था कि मैं सोशल वर्क में बहुत खुश हूं. लेकिन उन्होंने कहा कि सीट बताओ. तब मैंने उनसे कहा कि आप जो भी सीट देंगे वह जीत कर आपकी झोली में डाल दूंगी.

अपनी दावेदारी को लेकर अपर्णा बोलीं कि पिछले काफी समय से मैं इस विधानसभा में सक्रिय हूं. शादी ब्याह से लेकर तमाम कार्यक्रमों में जाती रही हूं. इस झगड़े के बीच में भी हम लोग लगातार मिलते रहे. मैं थोड़ी संकोची स्वभाव की हूं. बड़ों की बातें अपनी जगह हैं पर हम लोग हमेशा मिलते हैं. बच्चे भी आपस में खूब मिलते रहे हैं. मैंने हमेशा परिवार में फेवीकोल का काम किया है.

अखिलेश के समर्थन पर अपर्णा ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि मेरी कैंपेनिंग के लिए भैया जरूर आएंगे और नेता जी भी, शिवपाल जी भी आएंगे और हो सकता है प्रियंका गांधी भी आएं. मेरे और भैया में कोई मुकाबला नहीं है, वह हमारे नेता हैं. मोदी की तारीफ पर फजीहत झेल चुकी अपर्णा ने कहा कि यह बात सही है कि मैंने कई बार नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. लेकिन उनकी प्रशंसक मैं पहले से थी, जब उन्होंने नोटबंदी की घोषणा की तब मुझे बड़ा धक्का लगा. मुझे लगा कि इतने अच्छे हमारे प्राइम मिनिस्टर ने ऐसा कदम क्यों उठाया जिससे अर्थव्यस्था पीछे चली गई.

समाजवादी परिवार के झगड़े पर अपर्णा ने कहा कि कोई शक नहीं है कि इससे नुकसान हुआ है. जब झगड़ा उरूज पर था सब लोग कहने लगे थे कि पता नहीं समाजवादी पार्टी बचेगी या नहीं. लेकिन अखिलेश जी जो कुछ करते हैं सोच समझकर करते हैं.

अपर्णा ने अपनी विरोधी रीता जोशी पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि मेरे मुकाबले पर रीता जी ने यहां कोई काम नहीं किया है. जीतने के बाद से वह यहां से लापता रहीं. बिना विधायक रहे यहां मैंने बहुत काम कराया है. जो लोग परिवारवाद का आरोप लगाते हैं उनके खुद के परिवार के लोग यही कर रहे हैं.

प्रतीक यादव की गाड़ी के बवाल पर अपर्णा ने कहा कि प्रतीक 4 करोड़ की गाड़ी से चलते हैं क्योंकि वह अफॉर्ड कर सकते हैं. उनका अपना बिजनेस है. उन्होंने करोड़ो रुपए के समाज कल्याण का काम भी किया है. मैं उनसे क्यों कहूंगी कि चार करोड़ की गाड़ी में मत चलो. उन्होंने किसी का हक नहीं मारा. इतना ही नहीं उन्होंने खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ किया है.