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‘अखिलेशवादी’ नेताओं ने खून से लिखे इस्तीफे

khoonलखनऊ। समाजवादी पार्टी के चार सहयोगी संगठनों से टीम अखिलेश के सात सदस्यों को निकाले जाने के खिलाफ पार्टी के 50 से अधिक पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया। इनमें से कुछ युवा पदाधिकारियों ने खुद को ‘अखिलेशवादी’ बताते हुए अपने इस्तीफे खून से लिखे। अपना इस्तीफा खून से लिखने वाली समाजवादी छात्र सभा की राज्य सचिव सपना अग्रहरी ने कहा, ‘यह केवल एक इस्तीफा नहीं बल्कि हमारे नेता अखिलेश यादव के प्रति हमारा कमिटमेंट हैं।’ वह उन 10 नेताओं में से एक थीं, जिन्होंने विरोध करते हुए खून से अपने इस्तीफे लिखे।

वीवीआईपी गेस्ट हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता टेलिफोन के खंभों पर चढ़ गए। प्रदर्शनकारी अखिलेश के समर्थन में नारे लगा रहे थे कि, ‘ये जवानी हैं कुर्बान, अखिलेश भैया तेरे नाम।’ इस बीच पुलिस को दो प्रदर्शनकारियों को शांत करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी जो खंभे पर चढ़े हुए थे। समाजवादी युवजन सभा के कार्यकारी समिति के सदस्य अभिषेक ने कहा, ‘अखिलेश भैया हमारे नेता हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में हम उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए पूरी मेहनत से काम करेंगे।’ यूथ विंग के नेता खुद को गर्व से ‘अखिलेशवादी’ कह रहे थे।

शिवपाल यादव द्वारा पार्टी से निकाले गए तथा समाजवादी युवजन सभा के राज्य प्रमुख ब्रिजेश यादव ने कहा, ‘मैं अखिलेशवादी हूं और उन्हें विधानसभा चुनाव जिताने और दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए मेहनत करूंगा।’ पार्टी से निकाले गए एक और नेता व एमएलसी आनंद भदौरिया ने दावा किया कि उन्होंने पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ कभी भी कोई वक्तव्य नहीं दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पार्टी के लिए जी-जान से काम किया और युवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले CM अखिलेश यादव को हमेशा अपने नेता के रूप में देखा है।’